Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एससी-एसटी एक्ट के 87 फीसद मामले निकले झूठे

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 11 Apr 2018 01:49 PM (IST)

    दरभंगा के एससी-एसटी थाने में इन दिनों झूठे मुकदमों की भरमार है। इससे अनुसंधानक ही नहीं बल्कि, पर्यवेक्षण टिप्पणी करने वाले अधिकारी भी परेशान हैं।

    एससी-एसटी एक्ट के 87 फीसद मामले निकले झूठे

    मुजफ्फरपुर। दरभंगा के एससी-एसटी थाने में इन दिनों झूठे मुकदमों की भरमार है। इससे अनुसंधानक ही नहीं बल्कि, पर्यवेक्षण टिप्पणी करने वाले अधिकारी भी परेशान हैं। साथ ही झूठे मामले में बनाए गए आरोपित भी न्याय के लिए दर-दर भटकने को विवश हैं। नगर थाना परिसर स्थित जिला एससी-एसटी थाने में वर्ष 2017 में 82 लोगों ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत प्राथमिकी दर्ज कराई। लेकिन, अनुसंधान में दर्ज मामलों में 87 फीसद मामले झूठे निकले।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    यही कारण है कि पर्यवेक्षण टिप्पणी के तहत अनुसंधानकों ने मात्र दस मामलों में अंतिम आरोप पत्र कोर्ट में समर्पित किया । जबकि, 72 मामलों को असत्य करार दे दिया गया। बताया जाता है कि इस मामले में पुलिस अलग से कार्रवाई कर रही है। वहीं इस वर्ष के जनवरी माह में नौ मामले दर्ज किए गए। इसमें छह मामले असत्य पाए गए। इधर, जिले के विभिन्न थानों में वर्ष 2017 में एससीएसटी एक्ट के तहत 242 मामले दर्ज किए गए। इसमें 69 मामलों में आरोप पत्र समर्पित किया गया। शेष मामलों की हालात भी यथावत है। हालांकि, पुलिस का कहना है कि इसमें अभी सौ मामलों की जांच चल रही है।

    ---------------------

    सुप्रीम कोर्ट का नया आदेश :

    सुप्रीम कोर्ट ने इस एक्ट का दुरुपयोग रोकने के लिए नए सिरे से गाइड लाइन जारी किया है ।जिसकी कॉपी संबंधित अधिकारियों सहित पुलिस अधीक्षक को मुहैया कराई गई है । सुप्रीम कोर्ट ने पिछले दिनों अनुसूचित जाति,जनजाति (एससी,एसटी) एक्ट के मामलों में सीधे गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है । इस मामले में पुलिस उपाधीक्षक स्तर के अधिकारी सात दिन में अपनी रिपोर्ट देंगे। उस रिपोर्ट से जिला पुलिस अधीक्षक सहमत होकर गिरफ्तारी करने के लिए अनुमति देंगे। इसके बाद ही आरोपित की गिरफ्तारी होगी अन्यथा गिरफ्तारी नहीं होगी।

    ---------------------

    थाने में दर्ज प्राथमिकी की स्थिति :

    सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद देश में कई दिनों से आंदोलन हो रहे हैं । हंगामें के बीच दरभंगा में एससी, एसटी एक्ट के मामलों को लेकर जब जानकारी एकत्रित की गई तो चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं । पुलिस के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2012 में 50 मामले दर्ज हुए इनमें से 29 मामले झूठे पाए गए थे । इसी तरह से वर्ष 2013 में 88 मामले में 25, वर्ष 2014 में कुल 45 मामले में 16, वर्ष 2015 में कुल 33 मामले में 14, वर्ष 2015 में दर्ज 33 मामले में 22 व वर्ष 2017 में 82 मामले दर्ज हुए इनमें से 72 मामले झूठे पाए गए। इस वर्ष जनवरी माह में नौ मामले दर्ज किए गए इसमें छह मामला असत्य पाए गए। फरवरी माह में दस व मार्च माह में छह मामले दर्ज किए गए जिसकी जांच अभी चल रही है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि अधिकांश मामलों में जांच के दौरान यह बात सामने आती है कि जिस व्यक्ति ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, उसने अपने विरोधी को फंसाने के लिए केस दर्ज किया है। कई मामलों में मुकदमा दर्ज कराने आए पीड़ित को भी इस बात की जानकारी नहीं रहती है कि उसने किस धारा में केस दर्ज कराया है। दरअसल, आपसी विवाद को तूल देने के लिए कुछ छुटभैया नेता पीड़ित को गुमराह कर मुकदमा दर्ज करा देते हैं।

    ------------------

    15 वर्षों में 2435 मामले हुए दर्ज :

    एससी-एसटी थाना के अलावा जिले के हर थानों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है। वर्ष 2003 से लेकर 2017 तक 2 हजार 435 मामले दर्ज किए गए । इसमें वर्ष 2003 में 74, 2004 में 96, 2005 में 90, 2006 में 94, 2007 में 112, 2008 में 145, 2009 में 130, 2010 में 117, 2011 में 198, 2012 में 309, 2013 में 275, 2014 में 200, 2015 में 185, 2016 में 168 व वर्ष 2017 में 242 मामले दर्ज किए गए। अनुसंधान में अधिकांश मामले फॉल्स करार दिए गए।

    ------------------------

    पीड़ित को मिल रही अनुदान की राशि :

    अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (एससी/एसटी एक्ट 1989) के तहत दर्ज कराए गए मुकदमा अगर सत्य पाए जाते हैं तो पीड़ितों को अनुदान की राशि मुहैया कराई जाती है। ताकि, उसका घर-परिवार भी चल पाए। वित्तीय वर्ष 2017-18 में 93 पीड़ितों को अनुदान की राशि मुहैया कराई गई। जबकि, 12 मामले लंबित हैं। इसमें सिमरी थाना कांड संख्या 68-16 के पीड़ित व सकरी के सनौर गांव निवासी रामचंद्र राम को 8 लाख 25 हजार रुपये अनुदान की राशि मुहैया कराई गई।