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    मुजफ्फरपुर के गायघाट प्रखंड की 19 पंचायत बने गृह-मुक्त प्रसव का माडल

    By Amrendra Tiwari Edited By: Dharmendra Singh
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 10:38 PM (IST)

    मुजफ्फरपुर जिले का गायघाट प्रखंड गृह-मुक्त प्रसव का एक सफल माडल बन गया है। यहां सभी 19 पंचायतों में गृह प्रसव दर 40 प्रतिशत से घटकर 2 प्रतिशत पर आ गई ...और पढ़ें

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    इसमें प्रतीकात्मक तस्वीर लगाई गई है।

    जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर । जिले का गायघाट प्रखंड गृह-मुक्त प्रसव का सफल माडल बन गया है। यहां के सभी 19 पंचायतों में गृह प्रसव दर, जो पहले 40 प्रतिशत से अधिक थी, घटकर मात्र 2 प्रतिशत पर आ गई है।

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    इस उपलब्धि को देखते हुए अब इस माडल को जिले के अन्य प्रखंडों में भी लागू करने की तैयारी की जा रही है। पीएचसी प्रभारी, आशा तथा एएनएम को इस माडल को अपनाने और बेहतर तरीके से लागू करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

    जिला कार्यक्रम प्रबंधक रेहान अशरफ ने बताया कि गायघाट प्रखंड के 19 पंचायत पूरी तरह से गृह-मुक्त प्रसव पंचायत के रूप में शामिल कर लिया गया है।

    यहां संस्थागत प्रसव दर 95 प्रतिशत से अधिक पहुंच चुकी है, जिसके कारण मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में उल्लेखनीय कमी आई है। लक्ष्य है कि इसी माडल को शेष पंचायतों और अन्य प्रखंडों में भी प्रभावी रूप से लागू किया जाए, ताकि हर गर्भवती महिला को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव का अवसर मिल सके।

    प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के नेतृत्व में आशा, एएनएम और सीएचओ के कार्यों की सघन निगरानी की गई। सभी एएनसी विजिट की शत-प्रतिशत ट्रैकिंग सुनिश्चित की गई।

    फ्रंटलाइन वर्करों ने प्रसूताओं के साथ लगातार फोन पर संपर्क बनाए रखा, जिससे उन्हें समय पर अस्पताल पहुचाया जा सका। गायघाट के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी ने बताया कि प्रसूताओं को समय पर अस्पताल लाने के लिए परिवहन संबंधी भय को दूर किया गया। एम्बुलेंस सेवाओं को 24 घंटे सातों दिन उपलब्ध और जवाबदेह बनाया गया, जिससे बड़ा बदलाव देखने को मिला।

    इस रणनीति से मिली सफलता 

    •  24 घंटे एम्बुलेंस उपलब्धता सुनिश्चित
    •  परिवहन संबंधी डर दूर करने के लिए जवाबदेह एम्बुलेंस सेवा
    • आशा, पर्यवेक्षक, पीएचसी प्रभारी और प्रसव कक्ष प्रभारी के बीच बेहतर समन्वय
    • संभावित प्रसव तिथि से पहले आशा का परिवार से नियमित संपर्क
    •  अस्पताल में प्रसव के दौरान प्रसूता को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसकी सतत निगरानी