एससीआरए की पढाई बंद होना रेल के लिए दुर्भाग्यपूर्ण : पचौरी
जमालपुर, मुंगेर : एससीआरए बैच 1958 के नोबेल पुरस्कार विजेता सह रेलवे के वरिष्ठ प्रशासनिक
जमालपुर, मुंगेर : एससीआरए बैच 1958 के नोबेल पुरस्कार विजेता सह रेलवे के वरिष्ठ प्रशासनिक पदों से सेवानिवृत भूतपूर्व अधिकारी आर के पचौरी ने जागरण से विशेष बातचीत में कहा कि एससीआरए की पढ़ाई बंद होना, रेलवे के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। भारतीय रेल की गति जमालपुर ईरमी ही तय करता है। अगर रेल के विकास की सोच कोई रखता है, तो जमालपुर में रेल का विश्वविद्यालय खुलना चाहिए, क्योंकि यहां पर्याप्त जगह के साथ अनूकुल वातावरण भी है। श्री पचौरी ने यह भी कहा कि आम लोगों का सस्ता व सुलभ साधन रेल होता है, इसलिए इसके विकास से आम आदमी का जुड़ाव रहता है। आनेवाले दिनों में रेल न सिर्फ हाई स्पीड ट्रेन चलाकर दुनियां को चौंकाएगा, बल्कि आम जन मानस को कम समय में लंबी दूरी का सफर भी तय करवाएगा । विदित हो कि श्री पंचौरी को वर्ष 2007 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।
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