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    26 साल बाद तारापुर को मिलेगा सिविल कोर्ट, कानूनी मसलों के लिए मुंगेर जाने की जरूरत नहीं

    Updated: Sun, 14 Dec 2025 03:10 PM (IST)

    26 साल के लंबे इंतजार के बाद, तारापुर को आखिरकार सिविल कोर्ट मिलने जा रहा है। अब तारापुर के निवासियों को कानूनी मसलों के लिए मुंगेर जाने की आवश्यकता न ...और पढ़ें

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    तारापुर में खुलेगा सिविल कोर्ट। फाइल फोटो

    संवाद सहयोगी, तारापुर (मुंगेर)। अनुमंडल की स्थापना के लगभग 26 वर्षों बाद तारापुर में व्यवहार न्यायालय के संचालन का मार्ग प्रशस्त हो गया है। अनुमंडलीय व्यवहार न्यायालय तारापुर के शीघ्र संचालन को लेकर प्रशासनिक स्तर पर प्रक्रिया तेज कर दी गई है। जिलाधिकारी ने राज्य सरकार के विधि विभाग के सचिव को पत्र लिखकर न्यायालय संचालन के लिए आवश्यक अनुमति प्रदान किए जाने की सूचना दी है।

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    जिलाधिकारी द्वारा भेजे गए पत्र में उल्लेख किया गया है कि तारापुर अंचल क्षेत्र के रणगांव स्थित धर्मशाला भवन उपलब्ध है, जहां व्यवहार न्यायालय के स्थायी भवन अथवा न्यायिक पदाधिकारियों के आवास की वैकल्पिक व्यवस्था होने तक अस्थायी रूप से न्यायालय का संचालन किया जा सकता है।

    पत्र में यह भी स्पष्ट किया गया है कि उक्त धर्मशाला भवन पर पूर्ण रूप से जिला प्रशासन, मुंगेर का स्वामित्व और नियंत्रण रहेगा, जिससे किसी प्रकार की प्रशासनिक अथवा कानूनी अड़चन उत्पन्न न हो। यह अनुमति भवन निर्माण विभाग, बिहार, पटना के उपसचिव सह भू-संपदा पदाधिकारी के पत्राचार के आलोक में दी गई है।

    सम्राट के गृहमंत्री बनने के बाद बढ़ी उम्मीदें 

    प्रशासनिक स्तर पर पहल तेज होने से तारापुर और आसपास के क्षेत्रों के लोगों में व्यवहार न्यायालय के संचालन को लेकर उम्मीद जगी है। विदित हो कि उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी लंबे समय से तारापुर में व्यवहार न्यायालय की स्थापना को लेकर गंभीर रहे हैं।

    वर्तमान में वे तारापुर के विधायक होने के साथ-साथ गृह विभाग के मंत्री भी हैं, जिसके कारण इस प्रस्ताव को प्राथमिकता के आधार पर आगे बढ़ाया गया है।

    यदि किसी प्रकार की अप्रत्याशित बाधा सामने नहीं आती है, तो आगामी कुछ महीनों के भीतर तारापुर में व्यवहार न्यायालय का नियमित कार्य प्रारंभ हो जाने की संभावना है।

    न्यायालय के संचालन से क्षेत्रवासियों को न्यायिक कार्यों के लिए अब मुंगेर मुख्यालय की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी, जिससे समय और धन दोनों की बचत होगी तथा न्याय सुलभ और त्वरित हो सकेगा।