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    Munger Rail Factory: रेल कारखाना रचेगा इतिहास, नए साल से 800 वैगनों की मरम्मती

    Updated: Mon, 17 Nov 2025 03:59 PM (IST)

    रेलवे कारखाना नए साल से हर महीने 800 वैगनों की मरम्मत करके इतिहास रचेगा। वर्तमान में 600 वैगनों की मरम्मत होती है, जिसे बढ़ाया जाएगा। आधुनिक तकनीक का प्रयोग होगा और कर्मचारियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है ताकि काम की गुणवत्ता और गति में सुधार हो।

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    संवाद सूत्र, मुंगेर। जमालपुर रेल कारखाना में कार्यभार बढ़ाया जा रहा है। यहां हर माह आठ सौ मालगाड़ियों के वैगनों की मरम्मती होगी। यह देश का पहला रेल कारखाना होगा जहां हर माह इतने अधिक वैगन दुरुस्त किए जाएंगे। कारखाने में शाप की संख्या भी बढ़ाई जाएगी। इसके लिए रेलवे से पहले चरण में 80 करोड़ का आवंटन किया गया है।

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    वर्तमान में जमालपुर रेल कारखाना में हर माह 620-640 वैगनों की मरम्मत होती है। देश में वैगन की मरम्मत लिलुआ, मिदनापुर खड़गपुर, जमालपुर, झांसी, राजस्थान, चेन्नई, कोटा सहित 19 वर्कशाप में होती है। जहां 650 से 715 वैगन का मरम्मत हर माह होता है।

    पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क पदाधिकारी (सीपीआरओ) दिप्ती दय मोइत्रा ने बताया कि वैगन मरम्मत में देश में पहला स्थान झांसी वर्कशाप का है। यहां 715 वैगनों की प्रति माह मरम्मत होती है। अब इससे अधिक वैगनों की मरम्मत जमालपुर में होगी। इस काम के लिए राशि का आवंटन कर दिया गया है। संसाधन बढ़ाने का काम चल रहा है। सबकुछ ठीक रहा तो जल्द ही यहां काम शुरू हो जाएगा।

    सितंबर में तैयार हुआ था बीटीपीएन टैंक वैगन

    एशिया का पहला रेल इंजन कारखाना जमालपुर ने एक फिर भी अपनी कुशल कारीगरी का परचम देश भर में लहराया है। जमालपुर रेल कारखाने के हुनरमंद तकनीशियनों की टीम ने देश का लेटेस्ट बीटीपीएन टैंक वैगन एम-1 बनाकर इतिहास बनाया है।

    एक साथ यहां 49 टैंक का निर्माण किया गया, जिसे सितंबर माह में रवाना किया गया था। इस कारखाने को भारतीय रेल की रीढ़ माना जाता है। यहां 140 टन भार वाला हाइड्रोलिक क्रेन बनता है। क्रेन की विशेषता है कि वह 90 डिग्री पर काम कर सकता है।

    देश में रेल दुर्घटना के दौरान बेपटरी हुईं बोगियों को पटरी पर लाने, रेलवे ब्रिज निर्माण व कंटेनर को उतारने-चढ़ाने में जमालपुर में बने क्रेन का ही उपयोग होता है। यहां जैक भी बनता है, जिसका इस्तेमाल रेल हादसे के बाद बचाव कार्य में होता है। साथ ही ओपन ट्रांसपोर्ट बैगन का भी निर्माण होता है।