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    Bihar Election: बिहार चुनाव में ओवैसी बढ़ाएंगे राजद की टेंशन, इस क्षेत्र में पहली बार करेंगे चुनावी सभा  

    Updated: Mon, 27 Oct 2025 08:56 AM (IST)

    बिहार चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी, एआईएमआईएम, राजद के लिए टेंशन बढ़ा सकती है। ओवैसी पहली बार सीमांचल में चुनावी सभा करेंगे, जिससे राजद के वोट बैंक में सेंध लगने की आशंका है। सीमांचल में मुस्लिम आबादी अच्छी खासी है, और ओवैसी की रैली से वोटों का विभाजन हो सकता है, जिसका नुकसान राजद को होगा।

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    संवाददाता, जागरण, मुंगेर। विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मुंगेर की राजनीतिक पिच पर नए खेल शुरू हो चुके हैं। मंगलवार को एआइएमआइएम पार्टी प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी पहली बार मुंगेर पहुंच रहे हैं। इस सभा में वे अपने प्रत्याशी पूर्व मंत्री मोनाजिर हसन के पक्ष में वोट की अपील करेंगे।

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    मोनाजिर हसन, जो पहले जदयू और राजद के साथ चार बार विधायक रह चुके हैं। जदयू ने उन्हें मंत्री भी बनाया है। इस बार वह ओवैसी की पार्टी से चुनावी मैदान में है। मुंगेर विधानसभा क्षेत्र में करीब 30 हजार से अधिक मुस्लिम मतदाता हैं। महागठबंधन मुस्लिम वोटरों को अपना कोर वोटर मानती है।

    ऐसे में ओवैसी की सभा के बाद इस कोर वोटर में सेंधमारी होती दिख रही है। अगर मुस्लिम वोटरों ओवैसी को अपने तरफ गाेलबंद करने में कामयाब रहे तो राजद का वोट बैंक कट सकता है।

    दरअसल, एआइएमआइएम ने एक माह पूर्व बैठक कर मुंगेर प्रमंडल की 22 सीटों में मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर दो से तीन प्रत्याशियों को उतारने की मांग महागठबंधन से की थी, लेकिन इन सीटों में एक सीट जमुई से राजद ने प्रत्याशी दिया है। जब ओवैसी ने पूर्व मंत्री को मोनाजिर हसन को उम्मीदवार बनाया, तो मुस्लिम समाज में एकजुटता देखने को मिली है।

    राजनीतिक जानकारों का कहना है कि मोनाजिर हसन एमवाय समीकरण को तोड़ सकते हैं, जिससे महागठबंधन को झटका लग सकता है। ओवैसी की सभा को लेकर स्थानीय राजनीति में हलचल तेज है। देखा जाता है कि मुस्लिम वोट बैंक जहां अब तक महागठबंधन के साथ रहा, वहां ओवैसी की एंट्री से नए समीकरण बनने लग गए हैं।

    मोनाजिर हसन ने सभा को लेकर कहा है कि वे स्थानीय विकास, रोजगार और शिक्षा इस तीन-मुकामी संदेश के साथ जनता के सामने जाएंगे। उनका दावा है कि उनकी पहचान सिर्फ समुदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि क्षेत्र के सर्वांगीण विकास से भी जुड़ी हुई है। पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मुंगेर जैसे संवेदनशील क्षेत्र में ओवैसी का आगमन और मोनाजिर हसन का किरदार मिलकर राजनीतिक पारा बढ़ा सकता है।