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    मुंगेर में झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही, युवक की मौत के बाद क्लिनिक में हंगामा

    Updated: Mon, 11 Aug 2025 02:39 PM (IST)

    मुंगेर के नया रामनगर में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से एक युवक की मौत हो गई। पेट दर्द की शिकायत पर युवक को इंजेक्शन दिया गया था जिसके बाद उसके पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया। परिजनों ने क्लिनिक पर हंगामा किया और पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। सिविल सर्जन ने जांच के आदेश दिए हैं।

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    मुंगेर के नया रामनगर में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगाने से एक युवक की मौत हो गई। सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मुंगेर। नया रामनगर थाना क्षेत्र के बोचाही निवासी राजा को तीन दिन पहले एक झोलाछाप डॉक्टर ने पेट दर्द की शिकायत पर इंजेक्शन लगाया। उसके पूरे शरीर में इंफेक्शन फैल गया और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने क्लिनिक में तोड़फोड़ की।

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    इस बीच मौका पाकर झोलाछाप डॉक्टर फरार हो गया। सूचना मिलने पर पुलिस अस्पताल पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। देर रात पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। राजा दो दिन पहले ही झारखंड पुलिस भर्ती की दौड़ पूरी कर इलाज कराकर लौटा था।

    उधर, झोलाछाप डॉक्टर के यहां पहले भी दो बार ऐसी घटना घट चुकी है। उसके पिता जमालपुर रेल कारखाना से सेवानिवृत्त होने के बाद किसान हैं। परिजनों ने कहा कि दाह संस्कार के बाद वे थाने में झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ आवेदन देंगे। ऐसे झोलाछाप डॉक्टर के कारण किसी और की जान नहीं जानी चाहिए। युवक की मौत के बाद परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

    सिविल सर्जन डॉ. रामप्रवेश प्रसाद ने बताया कि टीम गठित कर मामले की जांच की जा रही है। जांच में दोषी पाए गए झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। सवाल यह उठता है कि औषधि विभाग के अधिकारी सब कुछ जानते हुए भी अनजान बने रहे। सूत्रों की मानें तो संचालक ऋषि रंजन उर्फ पिकू हर महीने मोटी रकम देता था। सिविल सर्जन ने कहा कि इस सांठगांठ की भी जांच की जाएगी।

    पेट दर्द की शिकायत लेकर आए थे परिजन 

    मृतक के पिता रामलगन पासवान ने बताया कि झारखंड पुलिस की तैयारी कर रहे उनके बेटे राजा कुमार को शुक्रवार को अचानक पेट में दर्द हुआ। पेट दर्द की शिकायत होने पर वे अपने बेटे को नौवागढ़ी चौक स्थित ऋषि रंजन उर्फ पिकू कुमार की दवा दुकान के पीछे संचालित क्लिनिक में ले गए। जहां झोलाछाप डॉक्टर ने पहले दवा दी। आराम नहीं मिलने पर शाम पांच बजे एक इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगने के एक घंटे बाद ही बेटे की मौत हो गई।

    औषधि केंद्र पर पहले भी हो चुकी है दो मौतें

    स्थानीय चंदन कुमार, दीपक कुमार ने बताया कि बोचाही निवासी ऋषि रंजन उर्फ पिकू कुमार झोलाछाप डॉक्टर है। वह नौवागढ़ी चौक स्थित बजरंगबली मंदिर के पास एक छोटा सा क्लिनिक चलाते हैं। जहाँ वह मरीजों को ड्रॉप्स और स्लाइन देने के अलावा छोटी-मोटी बीमारियों का भी इलाज करते हैं। इससे पहले भी उनके क्लिनिक पर मरीजों की मौत हो चुकी है। जिसे स्थानीय स्तर पर दबा दिया गया था।

    सिविल सर्जन ने कहा कि झोलाछाप डॉक्टर के क्लिनिक पर मरीज की मौत गंभीर मामला है। झोलाछाप डॉक्टर को प्रैक्टिस करने की अनुमति नहीं दी गई है। इस मामले में आवेदन मिले या न मिले, इसकी जाँच के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से एक टीम गठित की जाएगी। क्लिनिक को सील कर दिया जाएगा और दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी को झोलाछाप डॉक्टर के खिलाफ जाँच कर 24 घंटे के अंदर रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

    औषधि अधिकारी मेडिकल स्टोर का निरीक्षण नहीं करते

    औषधि विभाग की मिलीभगत से बिना लाइसेंस के दुकानों पर दवा बेची जा रही है। थोक व्यापारी भी बिना लाइसेंस की जाँच किए इन दुकानदारों को दवाइयाँ उपलब्ध करा रहे हैं। स्थिति यह है कि दवा बेचने वाले लोग भी फार्मासिस्ट नहीं हैं। इसके बाद भी ड्रग विभाग इन दुकानदारों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। इससे साफ है कि इनकी ड्रग विभाग से सांठगांठ है। तभी तो ये बिना फार्मासिस्ट और लाइसेंस के खुलेआम कारोबार कर रहे हैं और मासूम लोगों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं।

    नियमानुसार कोई भी दुकान संचालक बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक दवा नहीं बेच सकता। नौवागढ़ी स्थित औषधि केंद्र की बात करें तो बोचाही के एक युवक राजा कुमार को शुक्रवार की शाम पेट दर्द की शिकायत लेकर अवैध क्लिनिक में लाया गया था। जहां गलत इंजेक्शन दिए जाने से उसकी मौत हो गई। शहर में यह सब ड्रग विभाग की मिलीभगत से चल रहा है।