Bihar Teacher Salary: 7 महीने से नहीं मिला वेतन, भिक्षापात्र लेकर बैठे शिक्षक; कुल 143 रुपये मिले
मुंगेर के एमयू कॉलेज के तीन शिक्षक वेतन न मिलने से परेशान होकर अनोखे तरीके से विरोध प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय पहुंचे। डॉ. चंदन कुमार भिक्षा पात्र लेकर अधिकारियों से मिले जबकि अन्य शिक्षकों ने भी समर्थन दिया। शिक्षकों ने वेतन पेंशन और आयकर संबंधी समस्याओं पर प्रकाश डाला जिसके बाद उन्हें अन्य शिक्षकों और अधिकारियों से समर्थन मिला।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। सात महीने से वेतन नहीं मिलने से नाराज एमयू के अंगीभूत कॉलेजों के तीन शिक्षक गुरुवार को अनोखे अंदाज में अपना विरोध दर्ज कराया तथा वेतन भुगतान की मांग की।
इसके तहत जमालपुर कॉलेज जमालपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. चंदन कुमार पीले रंग का धोती-कुर्ता पहन तथा गायत्री मंत्र लिखा गमछा कंधे पर रखे व हाथ में मिट्टी की हांडी लिए विश्वविद्यालय पहुंचे। इस हांडी पर भिक्षां देही लिखा हुआ था।
वहीं, बीआरएम कॉलेज के इतिहास विभागाध्यक्ष श्याम कुमार अपने हाथ में पोस्टर पकड़े हुए थे तथा एचएस कॉलेज हवेली खड़गपुर के हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार उनके साथ-साथ चल रहे थे। इस क्रम में तीनों शिक्षक एक-एक कर विश्वविद्यालय के विभिन्न अधिकारियों के कक्ष में गए तथा उन्हें अपनी मांग से परिचित कराया व भिक्षा मांगी।
डॉ. चंदन कुमार ने कहा कि विश्वविद्यालय के पास न जमीन है, न शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन मिल रहा है। प्राचीन इतिहास के शिक्षक 14 महीने से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। कई नवनियुक्त शिक्षक इसलिए वेतन से वंचित हैं, कि कुछ फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र वाले शिक्षकों के कारण बिहार सरकार ने फिर से प्रमाण पत्र जांच होने तक वेतन रोक दिया है। भिक्षाटन में उन्हें 143 रुपये मिले, जिसे उन्होंने संबद्ध कॉलेज कोष में जमा करा दिया।
श्याम कुमार ने कहा कि एपीएस के तहत शिक्षकों की अंशदायी पेंशन फंड में जमा होने वाली राशि मार्च 2022 से ली गई है, जबकि कई शिक्षक 2017 और 2019 में नियुक्त हुए हैं।
डॉ. सुनील कुमार ने आयकर रिटर्न दाखिल करने में हो रही समस्याओं से अवगत कराया। शिक्षकों के इस विरोध प्रदर्शन को विश्वविद्यालय के अन्य शिक्षकों व अधिकारियों का भी समर्थन मिला।
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