Bihar Vanshavali: भतीजे के साथ चाचा कर था बड़ा खेल, CO को भ्रमित कर बनाई वंशावली; अब DM ने लिया एक्शन
मुंगेर के बरियारपुर निवासी मनोज आनंद को लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के तहत न्याय मिला। उनके चाचा ने फर्जी दस्तावेज से वंशावली बनवाई थी जिसे डीएम ने रद कर दिया। मनोज ने गलत वंशावली की शिकायत दर्ज कराई थी। जांच में पाया गया कि चाचा ने गलत जानकारी दी थी जिसके बाद डीएम ने वंशावली रद कर दी।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। लोक शिकायत निवारण अधिकार अधिनियम के माध्यम से बरियारपुर गांधीपुर निवासी मनोज आनंद को न्याय मिला। मनोज आनंद के चाचा राधाकृष्ण जायसवाल ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर वंशावली तैयार कर लिया था, जिसे इस अधिनियम के तहत द्वितीय अपील के माध्यम से सुनवाई के बाद रद्द कर दिया गया।
मनोज आनंद को जब पता चला कि उनके चाचा ने गुपचुप तरीके से सीओ कार्यालय से गलत वंशावली बना लिया है तो मनोज आनंद ने इस अधिनियम के तहत अपील दायर किया और अंततः उन्हें जीत मिली।
द्वितीय अपीलीय प्राधिकार सह डीएम निखिल धनराज निप्पणीकर ने बताया कि 29 जनवरी 2024 को मनोज आनंद के चाचा ने गलत दस्तावेज के आधार पर बरियारपुर अंचल से गलत वंशावली बनवा लिया था।
जानकारी मिलने पर मनोज आनंद ने अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सदर मुंगेर के यहां गलत वंशावली को रद कराने के लिए शिकायत दर्ज कराया। इस पर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी, सदर मुंगेर ने बरियारपुर सीओ को नोटिस भेजा।
इस पर सीओ बरियारपुर ने अपने रिपोर्ट में बताया कि मनोज आनंद के चाचा राधाकृष्ण जायसवाल पूरे वंशज का विवरण दर्शाते हुए संबंधित सरपंच के समक्ष आवेदन किया। पंचायत सचिव के रिपोर्ट की जांच कर सरपंच के समक्ष प्रस्तुत करने के पश्चात पूरे वंशज का वंशावली निर्गत किया गया।
इस पर अनुमंडल लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी ने रिपोर्ट को आधार मान कर वंशावली को सही माना। इससे असंतुष्ट मनोज आनंद ने प्रथम अपीलीय प्राधिकार सह एडीएम के यहां अपील किया। वहां भी सीओ के रिपोर्ट को सही माना गया।तब मनोज आनंद ने द्वितीय अपीलीय प्राधिकार सह डीएम के यहां द्वितीय अपील किया।
पांच अगस्त को डीएम ने इसकी सुनवाई की तथा परिवादी व बरियारपुर सीओ को सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया गया। सुनवाई में मनोज आनंद ने अपना पक्ष रखा।
इसके आधार पर बरियारपुर सीओ के जांच रिपोर्ट को परखा गया, इसमें पता चला कि मनोज आनंद के चाचा राधाकृष्ण जायसवाल ने अपने पारिवारिक सूची के आवेदन में परिवार के सभी सदस्यों का नाम अंकित नहीं किया था तथा बरियारपुर सीओ को गलत सूचना देकर गलत पारिवारिक सूची निर्गत कराया। इसके बाद डीएम ने बरियारपुर सीओ के माध्यम से निर्गत वंशावली को रद कर दिया।
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