Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    PM Awas Yojana 2025: स्कॉर्पियो-ट्रैक्टर वाले बने गरीब, मिला गया पीएम आवास; मगर नहीं हुआ कोई एक्शन

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 08:32 PM (IST)

    मुंगेर के संग्रामपुर नगर पंचायत में आवास योजना में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जांच में पाया गया कि अपात्र लोगों को आवास आवंटित किए गए जिनमें पहले से पक्के मकान वाले और ग्रामीण आवास योजना का लाभ ले चुके लोग शामिल हैं। आरोप है कि कर्मियों और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से यह घोटाला हुआ लेकिन जांच के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    Hero Image
    स्कॉर्पियो-ट्रैक्टर वाले बने गरीब, मिला गया आवास

    आनंद चौहान, संग्रामपुर (मुंगेर)। संग्रामपुर नगर पंचायत में आवास योजना आवंटन में गड़बड़झाला हुआ है। शिकायत मिलने के बाद बकायदा इसकी जांच हुई। मामले की सत्यता का राजफाश भी हुआ, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

    दरसअल, केंद्र सरकार शहरी क्षेत्र में रहने वाले ऐसे परिवार जिनके पास देश के किसी भी हिस्से में पक्का मकान नहीं है, ऐसे परिवारों को पक्का मकान उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शहरी क्षेत्र में सबके लिए आवास प्लस योजना संचालित कर रही है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इसके लाभार्थियों का चयन सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना (2011) और आवास प्लस (2018) सर्वेक्षण के आधार पर किया जाता है, लेकि  संग्रामपुर नगर पंचायत क्षेत्र में ऐसे लोगों को इसका लाभ दिया गया है, जिसके पास पहले से पक्का मकान है।

    इसके अलावा, नगर पंचायत बनने से पहले जिसे प्रधानमंत्री आवास प्लस योजना ग्रामीण का लाभ मिला था, उसे नगर पंचायत बनने के बाद दोबारा उसी लाभार्थी को सबके लिए आवास प्लस योजना का लाभ दे दिया गया। यह नगर पंचायत के कर्मियों और बाबुओं की करतूतों को उजागर करता है।

    प्रतीक्षा सूची वाले रह गए वंचित

    लाभुकों के चयन, लाभुकों के आवास का जियो टैग करने व आवास आवंटन में हुए फर्जीवाड़ा के पीछे नगर पंचायत के कर्मियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों में गठजोड़ से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस खेल को नगर पंचायत के वार्ड संख्या-10 में खुले आंख से देखा जा सकता है।

    बताते चलें कि नगर पंचायत में कुल 12 वार्ड हैं। इन 12 वार्डों में दो चरणों में 326 आवास आवंटित किया गया है। इसमें 70 लाभार्थी का चयन व आवास आवंटन वार्ड संख्या-10 में किया गया है। इसके अलावा वार्ड संख्या-12 के भी वैसे लाभुक हैं जो आवास पाने की पात्रता नहीं रखते हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधि और कर्मचारियों के गठजोड़ से नगर पंचायत क्षेत्र में आवास आवंटन प्रक्रिया इन दिनों काफी चर्चा में है।

    बथान को घर बता आवंटित की योजना

    नगर पंचायत क्षेत्र में ऐसे लोगों को आवास योजना के तहत आवास आवंटित किया गया जो संपन्न हैं। उनके पशु बांधने वाली झोपड़ी को घर बता आवास आवंटित कर दिया गया। वार्ड संख्या-10 में प्राथमिकता के आधार पर वैसे लाभुकों का चयन कर जियो टैग करवाया जा रहा है जो जनप्रतिनिधि के स्वजन हैं।

    ऐसे लाभार्थी के पास आलीशान मकान, ट्रैक्टर, स्कॉर्पियो आदि उपलब्ध है। इतना ही नहीं जमीन खरीदकर पहले मनरेगा से पशु शेड का निर्माण कराया। अब उसी पशु शेड पर प्रधानमंत्री आवास का निर्माण किया जा रहा है। ऐसे दो दर्जन से ज्यादा लाभुक हैं जो प्रधानमत्री आवास योजना की पात्रता नहीं रखते हैं।

    मामला सामने आने पर भी नहीं हुई कार्रवाई

    आवास योजना के लाभार्थियों के चयन में बरती गई अनियमितता की शिकायत नगर पंचायत प्रशासन तक भी पहुंची। इसके बाद इसकी जांच भी की गई तथा मामला सच पाया गया। इसके बावजूद नगर पंचायत प्रशासन ने केवल दूसरे किश्त की राशि भुगतान पर रोक लगा अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली। पर इसके पीछे जिन लोगों की मिलीभगत है, ऐसे लोगों की जिम्मेदारी तय करते हुए कार्रवाई करने की जहमत नहीं उठाई, ताकि आने वाले समय में ऐसी अनियमितता की पुनरावृत्ति नहीं हो।

    आवास योजना को लेकर लोगों से ऐसी शिकायत मिली थी। इसकी जांच कराई गई। जांचोपरांत दूसरे किश्त की राशि भुगतान पर रोक लगा दिया है।  - मनीला राज, कार्यपालक पदाधिकारी, नगर पंचायत

    comedy show banner