आरडी एंड डीजे कॉलेज में एक दशक बाद फिर जीवंत हुआ संस्कृत विभाग
फोटो -2008 से बंद था संस्कृत की पढ़ाई - फिर से सुनाई देन लगे संस्कृत के श्लोक संवाद सूत्र
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-2008 से बंद था संस्कृत की पढ़ाई
- फिर से सुनाई देन लगे संस्कृत के श्लोक
संवाद सूत्र, मुंगेर : आरडी एंड डीजे कॉलेज अंग क्षेत्र का नामचीन कॉलेज में से एक है। यहां से शिक्षा ग्रहण कर लोग देश विदेश में अपनी प्रतिभा का परचम लहरा रहे हैं। वर्तमान समय में शिक्षकों की कमी के कारण शैक्षणिक व्यवस्था चरमरा गई है। शिक्षक नहीं रहने से देवभाषा संस्कृत की पढ़ाई एक दशक से बंद हो गई थी। जिससे छात्र छात्राओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। लेकिन एक दशक बाद फिर से मुंगेर विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज में दो शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने से कॉलेज का संस्कृत विभाग एक बार फिर से जीवंत हो गया है। कॉलेज में संस्कृत की पढ़ाई शुरू हो गई है। जिससे संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों में खुशी देखी जा रही है। बता दें कि आरडी एंड डीजे कॉलेज में 2008 में संस्कृत के शिक्षक लक्ष्मीश्वर झा के तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी विभाग में स्थानांतरण हो जाने से विभाग में एक भी शिक्षक नही थे। जिससे छात्र छात्राओं को संस्कृत की पढ़ाई करने में काफी परेशानी हो रही थी। जिसके चलते संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों को बाहर जाकर पढ़ाई करने को विवश होना पड़ता था। कॉलेज के प्राचार्य व छात्रों द्वारा संस्कृत में शिक्षक देने की मांग बराबर की जा रही थी। प्राचार्य एवं छात्रों के अनुरोध को ध्यान में रखते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय ने बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित दो शिक्षक कृपाशंकर पांडेय एवं विश्वजीत कुमार को आरडी एंड डीजे कॉलेज में प्रतिनियुक्त किया है। जिसके बाद एक दशक बाद फिर से कॉलेज के संस्कृत विभाग में पढ़ाई शुरू हो गई है। फिर से संस्कृत के श्लोक कॉलेज कैंपस में गुंजायमान होने लगे हैं। क्या कहते हैं प्राचार्य :
इस संदर्भ में आरडी एंड डीजे कॉलेज के प्राचार्य डॉ. गोपाल प्रसाद यादव ने कहा कि एक दशक से अधिक समय से कॉलेज में एक भी संस्कृत के शिक्षक नहीं थे। जिससे कॉलेज में संस्कृत की पढ़ाई बंद हो गई थी। मुंगेर विश्वविद्यालय के द्वारा बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित दो शिक्षकों को कॉलेज में प्रतिनियुक्त किया गया है। जिसके बाद फिर से कॉलेज में पढ़ाई शुरू हो गई है।
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