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    हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज, चित्रांश परिवार ने की चित्रगुप्त पूजा

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 29 Oct 2019 10:04 PM (IST)

    जेएनएन मुंगेर कायस्थ्य समाज के लोगों ने मंगलवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। पूरबसर ...और पढ़ें

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    हर्षोल्लास के साथ मनाया गया भैया दूज, चित्रांश परिवार ने की चित्रगुप्त पूजा

    जेएनएन, मुंगेर : कायस्थ्य समाज के लोगों ने मंगलवार को भगवान चित्रगुप्त की पूजा अर्चना की। पूरबसराय स्थित चित्रगुप्त मंदिर में दर्जनों की संख्या में पहुंचे चित्रांश परिवार ने भगवान चित्रगुप्त के समक्ष कलम और दवात रख कर पूजा अर्चना की। इस अवसर पर मंदिर परिसर में सामूहिक विरादरी भोज का आयोजन किया।वहीं, संध्या के समय मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जहां बच्चों ने अपनी प्रस्तुति से लोगों का दिल जीत लिया। इस अवसर पर संस्था के अध्यक्ष डॉ. सुधीर कुमार, सचिव राजेश नंद किलियार, कोषाध्यक्ष नीरज कुमार, प्रो. श्यामदेव कुमार सिन्हा, मिथिलेश कुमार सिन्हा आदि मौजूद थे। वहीं, भाई बहन के अटूट प्रेम का त्योहार भैया दूज एवं बंगाली समुदाय द्वारा मनाए जाने वाले भाई फोटा उर्फ टीका का त्योहार पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस त्योहार में भाई अपने बहन के घर जाकर टीका लेते हैं और बहन के घर का बना भोजन ग्रहण करते हैं। साथ ही साथ बहन को उपहार भी देते है। बहन अपने भाई के मस्तक पर टीका लगाकर भाई के लंबी उम्र की कामना करती है। मान्यता के अनुसार भगवान चित्रगुप्त टीका के दिन ही अपनी बहन यमुना नदी के पास टीका लेने गए थे। उसी समय से यह परंपरा चली आ रही है। टीका में बहन अपने भाई को परोल के फुल एवं पान के पत्ते में सुपाड़ी एवं मटर के सुखे फल जिसे बजड़ी कहा जाता है, मिठाई के साथ बहन अपने भाई को देती है। . बजड़ी देने का अर्थ होता है कि जिस प्रकार बजड़ी मजबूत होता है उसी प्रकार भाई भी बज्र के समान हो एवं भाई बहन का प्रेम अटूट रहे। इस अवसर पर धौनी, माधोडीह, मोहनगंज, लखनपुर, रहमतपुर, मासूमगंज, बढौनियां, हरिवंशपुर, मालडा, पडभाडा, कसबा सहित दर्जनों गांवों में यह त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

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