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    धर्म के प्रति एकजुटता के लिए सार्वजनिक गणेश उत्स्व की हुई थी शुरुआत

    मुंगेर । बुधवार से दस दिनों तक गणेश उत्सव पूरे श्रद्धा भाव के साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर

    By JagranEdited By: Updated: Wed, 12 Sep 2018 11:51 PM (IST)
    धर्म के प्रति एकजुटता के लिए सार्वजनिक गणेश उत्स्व की हुई थी शुरुआत

    मुंगेर । बुधवार से दस दिनों तक गणेश उत्सव पूरे श्रद्धा भाव के साथ शहर के विभिन्न स्थानों पर मनाया जाएगा। गणेश उत्सव की शुरुआत सबसे पहले महाराष्ट्र से हुआ था। अंग्रेजों के शासनकल में ¨हदू धर्म के प्रति उदासीनता बढ़ गई थी। ¨हदुओं में बिखराव होने लगा था। इन्हें एकजुट करने के लिए लोकमान्य तिलक ने सन 1893 में सार्वजनिक गणेश उत्सव की शुरुआत पुणे से की थी। तब से भारत में यह त्यौहार सार्वजनिक रूप से मनाया जाने लगा। गणेश उत्सव पर शहर के मंदिरों एवं पूजा पंडाल को आकर्षक एलइडी बल्बों एवं फूलों से सजाया गया है। शहर में लगभग 25 स्थानों पर गणेश की प्रतिमा स्थापित की जाती है।

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    शहर में 25 से भी अधिक स्थानों पर स्थापित होते हैं गणेश

    शहर के हृदय स्थल गुलजार पोखर में गणेश पूजा कमेटी द्वारा इस बार सबसे अलग व आकर्षक गणेश प्रतिमा का निर्माण कराया गया है। यहां गणेश ¨सहासन पर विराजमान हैं। वहीं रायसर बम गणेश पूजा समिति द्वारा भी भव्य गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। यहां आकर्षक पंडाल बनाया गया है। यहां की प्रतिमा विशालकाय होने के कारण बम गणेश के नाम से शहर में प्रसिद्ध है। यहां की सजावट व गणेश की भीमकाय प्रतिमा देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में आ रहे है। पूरबसराय ब्रह्म स्थान के पास गणेश पजा को लेकर बड़ा पंडाल बनाया गया है। पंडाल के अंदर की सजावट काफी सुंदर है। इसके अलावे नया गांव, गांधी चौक, किराना पट्टी, मयूर चौक, कौड़ा मैदान, मंसरी तल्ले, अंबे चौक, तिलक मैदान, श्यामपुर, दलहट्टा, बेलन बाजार, लल्लू पोखर, अरगड़ा रोड, संदलपुर, पूरबसराय ब्रह्म स्थान, दिलीप धर्मशाला के पास गणेश की प्रतिमा स्थापित की गई है। गणेश उत्सव आनेवाले दस दिनों तक बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। वही पंडालों में डीजे साउंड पर भक्ति गीतों के साथ माहौल भक्तिमय बना हुआ है।

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    प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य अविनाश ने कहा कि गणेश उत्सव भाद्र मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है। गणेश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त और पूजा की विधि बताते हुए उन्होंने कहा कि सुबह 11 बजे से गणेश प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त है।

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    पूजा का शुभ मुहूर्त

    गणेश की प्रतिमा स्थापना का शुभारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 08 मिनट से शुरू होगा। उसके बाद दोपहर के 1 बजकर 34 मिनट तक आप घर में गणपति की स्थापना कर सकते हैं।

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    पूजन सामग्री

    गणेश स्थापना से पहले पूजा की सारी सामग्री एकत्र कर लें। पूजा के लिए चौकी, लाल कपड़ा, गणेश प्रतिमा, जल कलश, पंचामृत, लाल कपड़ा, रोली, अक्षत, कलावा जनेऊ, गंगाजल, सुपारी, इलाइची, नारियल, चांदी का वर्क, सुपारी, लौंग, पंचमेवा, घी, कपूर आदि एकत्र कर लें।

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    स्थापना विधि

    सुबह स्नान के पश्चात लाल वस्त्र धारण करें। सही दिशा का चुनाव करके चौकी स्थापित करें। भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापना से पहले उन्हें पंचामृत से स्नान कराएं। उसके बाद उन्हें गंगाजल से स्नान कराने के बाद चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर गणेश प्रतिमा को स्थापित करें। रिद्धि-सिद्धि के रूप में प्रतिमा के दोनों ओर एक-एक सुपारी भी रखें।

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    पूजन विधि

    स्थापना के पश्चात गणेश जी को ¨सदूर लगाएं और चांदी का वर्क लगाएं। इसके बाद जनेऊ, लाल पुष्प, दूब, मोदक, नारियल आदि सामग्री भगवान को अर्पित करें।

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    गणेश मंत्र

    सभी सामग्री चढ़ाने के बाद धूप, दीप और अगरबत्ती से भगवान की आरती करें और 'वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे दे सर्व कार्येषु सर्वदा।। मंत्र का जप करें।

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    भगवान को भोग

    गणेश चतुर्थी से लेकर अनंत चतुर्दशी तक जब तक भगवान गणेश घर में रहते हैं, तब तक उनका एक परिवार के सदस्य की तरह ध्यान रखा जाता है। गणपति को 3 बार भोग लगाना अनिवार्य होता है। वैसे गणपति को मोदक का भोग रोजाना लगाना अनिवार्य होता है।