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    Munger News: बिना डॉक्टर के चल रहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर, खपरैल भवन में सुविधाओं का भी अभाव

    Updated: Thu, 18 Dec 2025 06:55 AM (IST)

    मुंगेर में एक हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बिना डॉक्टर के चल रहा है। खपरैल भवन में स्थित इस सेंटर में सुविधाओं का अभाव है, जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है ...और पढ़ें

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    बिना डाक्टर हो रहा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में इलाज। फोटो जागरण

    संवाद सूत्र, हेमजापुर (मुंगेर)। जिले का बाहाचौकी पंचायत अंतर्गत सुंदरपुर अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिना चिकित्सक के संचालित हो रहा है। आवश्यक दवाओं की कमी है। 40 वर्षों के दौरान विभाग यहां सारी सुविधा तो दूर भवन निर्माण तक नहीं करा सकी है।

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    तीन पंचायत के मरीजों का भार उठाने वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र सुंदरपुर की दशा बहुत ही खराब है। बदलाव के नाम पर इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को वैलनेस सेंटर बना दिया गया है। 04 स्वास्थ्य कर्मियों के सहारे यह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चल रहा है।

    दवा की स्थिति लगभग ठीक-ठाक है। रखरखाव की स्थिति ठीक नहीं है। यहां पर आने वाले मरीजों की जांच किट से होती है। यहां कोई लैब टेक्नीशियन नहीं है। इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कई तरह की सुविधाओं का अभाव है।

    स्वास्थ्य केंद्र में ड्रेसर, डेंगू किट उपलब्ध नहीं है। मलेरिया की दवा तो है लेकिन रखने के लिए फ्रिज नहीं है। ऐसे में दवा अधिक दिनों तक नहीं रखा जा सकता है। विशेष परिस्थितियों के लिए मरीजों के लिए ऑक्सीजन की भी कोई व्यवस्था नहीं है। ऐसे में गांव के मरीजों को शहर के अस्पतालों पर ही भरोसा है। अधिकतर लोग इलाज के लिए शहर की ओर रुख कर रहे हैं।

    दर्जा मिला लेकिन नहीं मिल रही सभी सुविधा

    यह स्वास्थ्य भवन खपरैल के मकान में संचालित हो रहा है। हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर बना तो इसमें कुछ सुविधाएं और दवाइयां भी बढ़ाई गई लेकिन लोग आज भी मामूली से इलाज के लिए भी शहर की ओर रुख कर रहे हैं।

    स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी को भी यहां अधिक सुविधाएं उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से उन्हें भी परेशानी होती है। वर्तमान में इस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एएनएम ऊषा कुमारी, सुप्रिया भारती, डीइओ मु. मुद्दसद और आयुष चिकित्सिका के रूप में डा. रूबी कुमारी पदस्थापित है। इस स्वास्थ्य केंद्र में लगभग 157 प्रकार की दबाई उपलब्ध है।

    इस स्वास्थ्य केंद्र को पानी तक नसीब नहीं है। महिला स्वास्थ्य कर्मी और मरीजों को पानी सहित अन्य जरूरी कार्य के लिए घर जाना पड़ता है। एक चापाकल वर्षों से बंद है। यहां आने वाले मरीजों को नल जल योजना के पानी से अपनी प्यास बुझाने पर रही है। न तो बेड है और न अपना भवन।

    वहां पर पेयजल की बड़ी समस्या है। बिजली की व्यवस्था स्वास्थ्य केंद्र में कर दी गई है। भवन निर्माण सहित अन्य समस्याओं के निराकरण के लिए विभाग को पत्राचार किया गया है। -डॉ. अविनाश कुमार, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी

    मैं यहां इस स्वास्थ्य केंद्र में मुधमेह की दवा लेने के लिए पहुंचा था। यहां तत्काल दवा नहीं मिली। वापस लौटकर घर जा रहा हैं। -जगदीश मंडल

    स्वास्थ्य केंद्र का हाल 40 वर्षों से खराब है। बाढ़ और बरसात के दिनों में तो और ज्यादा परेशानी होती है। मरीज के लिए यहां बेड तक नहीं है। -रुदो महतो