Updated: Mon, 08 Sep 2025 02:38 PM (IST)
मुंगेर-मिर्जाचौकी फोरलेन सड़क निर्माण में मुंगेर क्षेत्र में भू-अर्जन का काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है जिससे कार्य रुका हुआ है। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अप्रैल 2026 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है लेकिन भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण योजना के समय पर पूरा होने में संदेह है। केवल 537 मीटर क्षेत्र के भूस्वामियों को मुआवजा भुगतान नहीं किया जा सका है।
संवाद सहयोगी, मुंगेर। मुंगेर-मिर्जाचौकी के बीच बन रहे लगभग 125 किमी फोरलेन सड़क निर्माण में मुंगेर छोड़ से अबतक भू-अर्जन का काम पूरा नहीं हो पाया है। महज 537 मीटर क्षेत्र के भूस्वामियों को मुआवजा का भुगतान नहीं किया जा सका है। इस कारण काम रूका हुआ है। इधर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने अप्रैल 2026 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया है।
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अप्रैल माह से वाहनों के परिचालन शुरू करने की बात बताई गई है। अभी अप्रैल दूर है तथा निर्माण कार्य भी बाढ़ का पानी लौटने के बाद मिट्टी के सुखने के बाद ही शुरू होना है, लेकिन भू-अर्जन में देरी के कारण योजना के ससमय पूरा होने पर संशय बना हुआ है।
दरअसल, मुंगेर जिले में 26.6 किलोमीटर लंबाई में फोरलेन का निर्माण कार्य होना है। इसके लिए 36 मौजा में 147.5 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाना है। फोरलेन परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण का कार्य शुरुआती समय से ही लगातार किसी न किसी कारण से बाधित होता आ रहा है।
सर्वाधिक बाधा हेरुदियारा से नौवागढ़ी के बीच लगभग नौ किलोमीटर तक जमीन अधिग्रहण में उत्पन्न हुई। इस क्रम में पहले सफियासराय के आस-पास के क्षेत्रो मेंं पूर्व से निर्मित मकान को बचाने के लिए आंदोलन शुरु हुआ। फिर जानकीनगर के लोगो ने लंवा आंदोलन छेड़ा।
इस बीच प्रमंडलीय आयुक्त के न्यायालय में तथा उच्च न्यायालय में कई बाद दाखिल किया गया। जिसका धीरे-धीरे निपटारा होता गया। इसमें अधिकांश मामले जमीन के तय एमवीआर से अधिक मुआवजा की मांग से संबधित था। अब महज 537 मीटर क्षेत्र में मामला अटका हुआ है। धीरे-धीरे जिला प्रशासन विवाद वाले क्षेत्र से विवाद समाप्त कर भू-खंड को एनएचएआइ को सुपुर्द करता है। व निर्माण एजेंसी कार्य करती है।
नौवागढ़ी महमदा के रैयतों की ओर से 500 मीटर तक निर्माण कार्य पर रोक लगाए हुआ है। इस बात की सूचना जिलाधिकारी को दी गई है। अक्टूबर माह तक सभी रैयतो की समस्या का समाधान हो जाएगा। इसके बाद बचा काम भी शुरू हो जाएगा। अप्रैल 2026 तक पूरा निर्माण कार्य पूरा करने का लक्ष्य है। - मनीष कुमार, परियोजना निदेशक, एनएचएआई
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