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    Bihar Flood: मुंगेर में डरा रही गंगा, कटाव के डर से लोग पलायन को मजबूर, डर घंटे बढ़ रहा 4 सेमी पानी

    मुंगेर में गंगा नदी के जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। कुतलुपुर पंचायत में कटाव से एक परिवार का घर गंगा में विलीन हो गया जिससे कई लोग बेघर हो गए हैं। प्रशासन ने कटाव रोधी कार्य शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

    By Manish Kumar Edited By: Nishant Bharti Updated: Thu, 28 Aug 2025 03:38 PM (IST)
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    चेतावनी स्तर को पार की गंगा, फिर मंडराया बाढ़ का खतरा

    जागरण संवाददाता, मुंगेर। गंगा नदी के जलस्तर में एक बार फिर से तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। इसके कारण एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो रही है। गुरुवार को गंगा का जलस्तर एक बार फिर से चेतावनी स्तर को पार कर गया है।

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    सुबह छह बजे गंगा का जलस्तर चेतावनी स्तर को पार करते हुए 38.37 मीटर पहुंच गया था। इसके चार घंटे बाद सुबह दस बजे जलस्तर 15 सेंटीमीटर बढ़कर 38.52 मीटर पहुंच गया था। इस प्रकार जलस्तर में प्रति घंटे लगभग चार सेंटीमीटर की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। ऐसे में एक बार फिर से जिले में बाढ़ का संकट गहराता जा रहा है।

    छत विहीन हुआ परिवार

    सदर प्रखंड के गंगापार कुतलुपुर पंचायत के वार्ड संख्या- छह में गणेशी पासवान के पुत्र का पक्का मकान भीषण कटाव की चपेट में आने से गंगा में विलीन हो गया। स्थानीय ग्रामीण के अनुसार बुधवार की देर शाम गणेशी पासवान के तीन पुत्रों उदय पासवान, गुणसागर पासवान और रंजीत पासवान का घर कटाव की चपेट में आने से गंगा में समाहित हो गया।

    इधर वार्ड संख्या-छह में तेजी से कटाव होने के कारण ग्रामीण भयभीत हैं। लोग कटाव के भय से अपना-अपना घर खाली कर सामान लेकर आस -पास सुरक्षित इलाके की ओर पलायन कर रहे हैं।

    ग्रामीणों के अनुसार वार्ड संख्या-छह में 100 से अधिक घरों पर संकट का बादल मंडरा रहा है। इधर कटाव की सूचना मिलने पर डीएम निखिल धनराज निप्पणीकर ने सदर एसडीओ कुमार अभिषेक को कटाव ग्रस्त क्षेत्र का दौरा कर कटाव रोधी कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है।

    हर वर्ष कुतलुपुर में होता है कटाव रोधी कार्य

    कुतलुपुर पंचायत का लगभग चार वार्ड पिछले चार-पांच वर्ष से कटाव की चपेट में है। यहां बेगूसराय की ओर से आने वाली गंगा की तेज धारा गंगा के बीच उभर आए टीले से टकराने के बाद बसावट की ओर मुड़ जाती है।

    इसके कारण हर वर्ष यहां कटाव होता है तथा इससे बचाव के नाम पर हर वर्ष फ्लड फाइटिंग का भी काम होता है। इससे हर वर्ष मोटी राशि कटाव रोधी कार्य के नाम पर गंगा में समाहित होती है पर कटाव की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया जाता है।

    छह प्रखंड के 33 पंचायत होते हैं बाढ़ से प्रभावित

    बताते चलें कि जिले के कुल नौ में से छह प्रखंडों के कुल 33 पंचायत जल से प्रभावित होते हैं। इसमें सदर के आठ, जमालपुर के पांच, धरहरा के तीन, बरियारपुर के 11, हवेली खड़गपुर के चार तथा असरगंज के दो पंचायत शामिल हैं। इसमें 18 पंचायत बाढ़ से पूरी तरह प्रभावित होते हैं, जबकि 15

    पंचायत आंशिक रुप से प्रभावित होते हैं।

    इनमें सदर प्रखंड का कुतलुपुर, जाफरनगर, टीकारामपुर, तारापुर दियारा, महुली, मय, नौवागढ़ी उत्तरी तथा नौवागढ़ी दक्षिणी पंचायत शामिल है। जबकि बरियारपुर का कल्याण टोला, हरिणमार, झौवाबहियार, करहरिया पश्चिम, करहरिया दक्षिण, बरियारपुर पश्चिम, पड़िया, निरपुर, करहरिया पूर्वी, बरियारपुर उत्तरी तथा रतनपुर पंचायत, जमालपुर प्रखंड का सिंघिया, पड़हम, रामपुरकला, इंदरूख पश्चिम तथा ईटहरी, धरहरा का बाहाचौकी, हेमजापुर तथा शिवकुंड, हवेली खड़गपुर का तेलियाडीह, अग्रहण, बहिरा तथा नाकी एवं असरगंज प्रखंउ का अमैया तथा चौड़गांव पंचायत शामिल है।