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    मुंगेर AK-47 मामले में कोर्ट का बड़ा फैसला, सबूतों के अभाव में 10 आरोपी जेल से रिहा

    Updated: Fri, 19 Dec 2025 10:17 PM (IST)

    मुंगेर AK-47 मामले में कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए सबूतों के अभाव में 10 आरोपियों को रिहा कर दिया है। इन आरोपियों को AK-47 अवैध हथियार माम ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, मुंगेर। मुंगेर के वर्ष 2018 के बहुचर्चित एके-47 बरामदगी से जुड़े एक मामले में शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय प्रवाल दत्ता के न्यायालय ने मुफस्सिल थाना से संबंधित एक मामले में सभी 10 आरोपित को साक्ष्य के अभाव में रिहा कर दिया।

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    इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक विनोद यादव तथा बचाव पक्ष की ओर से विश्वजीत सिंह ने बहस में भाग लिया। इस मामले में रिजवान पठान, मु. लुकमान, आइशा बेगम, तनवीर आलम उर्फ सोनू, मु. गुलफाम उर्फ गूलन, मु. रिजवान उर्फ भुट्टो, मु. परवेज चंद, मुस्तकीम, खुर्शीद आलम तथा सदा रिफत को आरोपित बनाया गया था।

    इसमें से तनवीर आलम उर्फ सोनू, मु. गुलफाम उर्फ गूलन तथा रिजवान उर्फ भुट्टो न्यायिक हिरासत में जेल में बंद थे, जबकि शेष सात लोग जमानत पर बाहर थे। बताते चलें कि यह मामला 30 सितंबर 2018 को मुफस्सिल थाने में तैनात तत्कालीन अंचल निरीक्षक बिंदेश्वरी यादव के लिखित बयान पर दर्ज किया गया था। जिसमें यह कहा गया था कि रिजवान उर्फ भुट्टो के स्वीकारोक्ति बयान के आधार पर सदर प्रखंड के मिर्जापुर बरदह गांव स्थित अजमेरी बेगम के जमीन की जेसीबी से खुदाई की गई।

    इस दौरान जमीन में प्लास्टिक के बोरे में बंद कर दबाया गया एके-47 का पार्ट-पुर्जा बरामद किया गया था। बताते चले की 2018 में मुंगेर के मिर्जापुर बरदह गांव से अलग-अलग तारीख में लगभग 18 एके-47 राइफल बरामद किया गया था। जिसका कनेक्शन जबलपुर आर्डनेंस फैक्ट्री से जोड़ा गया था। इस मामले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने भी दो केस दर्ज किया था।

    इसके अलावा मुफस्सिल थाने में भी कई केस दर्ज किया गया था। इसमें से एक मामले में आज अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय प्रवाल दत्ता के न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में सभी 10 आरोपित को रिहा करने का आदेश जारी किया है। इस फैसले की बाबत एसपी सैयद इमरान मसूद ने कुछ भी कहने से इन्कार किया है।