न जाने कब दूर होगा कष्टहरणी गंगा घाट का कष्ट
मुंगेर : श्री कृष्ण ¨सह के रूप में बिहार का प्रथम मुख्यमंत्री देने का गौरव मुंगेर जिला के नाम
मुंगेर : श्री कृष्ण ¨सह के रूप में बिहार का प्रथम मुख्यमंत्री देने का गौरव मुंगेर जिला के नाम है। एतिहासिक और धर्मिक ²ष्टिकोण से मुंगेर का इतिहास काफी समृद्धशाली रहा है। कभी मां सीता ने इसी धरती पर छठ का त्योहार कर लोक मंगल कामना का संदेश दिया। मुंगेर के कष्टहरणी गंगा घाट पर डॉ. श्रीकृष्ण ¨सह ने देश सेवा का संकल्प लिया था। कष्टहरणी गंगा घाट के बारे में एक मान्यता यह भी है कि यहां स्नान करने से लोगों के कष्ट दूर हो जाते हैं। लेकिन, कष्टहरणी गंगा घाट का कष्ट दूर करने के लिए आज तक कोई पहल नहीं किया गया। कष्टहरणी घाट पर ही गंगा मंदिर है, जिसमें गंगा माता की प्रतिमा स्थापित है। गंगा सफाई को लेकर कई बार अभियान चलाए जाते हैं, लेकिन गंगा मंदिर से गाद हटाने की कोई पहल नहीं किया जा सका। घाट पर आने वालों के लिए पानी की व्यवस्था के लिए लगाया गया प्याऊ का मोटर कई माह पहले चोरी हो गया। इस कारण प्याऊ कई महीने से बंद है। मंदिर के महंत देवनायक दास ने कहा कि घाट पर आकर आधे घंटे में ही सफाई करके चले जाने से गंगा साफ नहीं होगी। इसके लिए बड़े स्तर पर अभियान चलना होगा। गंगा के प्रति समर्पण का भाव होना जरूरी है। सिर्फ तस्वीर खींचाने से कुछ नहीं होगा। यहां नियमित गंगा माता की आरती होती है। मैं और मेरी टीम के सदस्य हमेशा गंगा घाटों की सफाई के प्रति सजग रहते हैं। इसी कारण कष्टहरणी गंगा घाट अन्य की तुलना में अधिक साफ सुथरा दिख जाता है। सामाजिक कार्यकर्ता जटा शंकर पासवान, डॉक्टर हेमंत के अनुसार स्थानीय जनप्रतिनिधियों को इसके प्रति संवेदनशील होना चाहिए। वरिष्ठ अधिवक्ता रंजीत सिन्हा ने कहा कि जनप्रतिनिधियों ने कभी भी ऐसे स्थानों के प्रति ध्यान ही नहीं दिया। बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री श्रीकृष्ण ¨सह ने इसी गंगा घाट पर एक हाथ में गीता और दूसरे हाथ में गंगा का पानी लेकर देश की सेवा करने का संकल्प लिया था। कष्टहरणी गंगा घाट आज खुद अपना कष्ट दूर होने की आस लिए अपने पुत्रों (मुंगेर के लोगों) की तरफ देखा रही है।
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