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जमालपुर-खगड़िया रेल लाइन दोहरीकरण और मुंगेर गंगा पुल को मोदी सरकार की सौगात, निर्माण के लिए मिले 50 करोड़ रुपये

जमालपुर-खगड़िया सिंगल रेल लाइन के दोहरीकरण और गंगा पर नये पुल के लिए एक फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में राशि का प्राविधान किया गया है। अभी 50 करोड़ राशि आवंटित की गई। काम में किसी तरह का व्यावधान नहीं आए इसके लिए बीच-बीच में भी राशि का आवंटन होगा। जमालपुर से खगड़िया तक 14 किमी रेल लाइन को दोहरीकरण होना है।

By Rajnish Kumar Edited By: Mohit Tripathi Published: Wed, 07 Feb 2024 07:09 PM (IST)Updated: Wed, 07 Feb 2024 07:09 PM (IST)
जमालपुर-खगड़िया रेल लाइन दोहरीकरण और मुंगेर गंगा पुल को मोदी सरकार की सौगात, निर्माण के लिए मिले 50 करोड़ रुपये
जमालपुर-खगड़िया रेल लाइन दोहरीकरण और मुंगेर गंगा पुल को मोदी सरकार की सौगात।

जागरण संवाददाता, मुंगेर। जमालपुर-खगड़िया सिंगल रेल लाइन के दोहरीकरण और गंगा पर एक और नया पुल के लिए एक फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में राशि का प्राविधान किया गया है।

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अभी 50 करोड़ राशि आवंटित की गई। काम में किसी तरह का व्यावधान नहीं आए, इसके लिए बीच-बीच में भी राशि का आवंटन होगा। जमालपुर से खगड़िया (उमेश नगर) तक 14 किमी रेल लाइन को दोहरीकरण होना है।

वर्ष 2022-2023 के आम बजट में सर्वे के लिए राशि आवंटित की गई थी। दिसंबर 2023 में सर्व करने के बाद 16 सौ करोड़ का डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर रेलवे बोर्ड को भेजी गई थी। अभी जमालपुर-खगड़िया मार्ग पर मालगाड़ियों का परिचालन ज्यादा होता है।

सिंगल रेल ट्रैक होने के कारण यात्री ट्रेनों को रोक दिया जाता है। डबल लाइन बनने से इस समस्या से निजात मिलेगी। जमालपुर-खगड़िया रेलखंड के रास्ते कोसी-सीमांचल, उत्तर बिहार, पश्चिम बंगाल और पूर्वी राज्यों की दूरी कम है। ऐसे में इस रेलखंड का दोहरीकरण करने के बाद आने वाले वर्षों में यह बेहतर राजस्व देने वाला रेलखंड बनेगा। लाइन दोहरीकरण के बाद कई दिशाओं के लिए मेल और एक्सप्रेस ट्रेनें चलेंगी।

मुंगेर स्टेशन का इतिहास

मुंगेर स्टेशन का इतिहास काफी पुराना है। लगभग सात चार वर्ष पहले यह स्टेशन नये स्वरूप में आया है। गंगा रेल पुल चालू होने के बाद मुंगेर स्टेशन कई जिलों के लिए लाइफ लाइन बन गया है।

वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रेल पुल पर पैसेंजर ट्रेन चलाकर मुंगेर-खगड़िया-बेगूसराय रेल सेक्शन का शुभारंभ किया था।

स्टेशन पर हर दिन यात्रियों का आवागमन पांच से छह हजार के आसपास है। यहां से खगड़िया, सहरसा और बेगूसराय के लिए ट्रेनें अप और डाउन में गुजरती है।

एक एक्सप्रेस ट्रेन जयनगर के लिए चलती है, इसके अलावा अगरतला और गांधीधाम से एक-एक साप्ताहिक ट्रेन भी गुजरती है।

दो साप्ताहिक ट्रेनों का ठहराव

मुंगेर स्टेशन से खगड़िया, सहरसा और बेगूसराय के लिए पांच-पांच ट्रेनें अप और डाउन में हर दिन है। एक एक्सप्रेस ट्रेन जयनगर के मुंगेर स्टेशन से गुजरती है।

इसके अलावा अगरतला और गांधीधाम से एक-एक साप्ताहिक ट्रेनों का ठहराव भी स्टेशन पर है। यात्रियों के अनुपात में पैसेंजर ट्रेनों में कोचों की संख्या कम है।

स्टेशन को दिया जा रहा नया लुक

कोसी-सीमांचल, मिथिलांचल और उत्तरी बिहार को जोड़ने वाला मुंगेर स्टेशन नए साल में नए स्वरूप में दिखेगा। इन जगहों के लिए लाइफ लाइन बने इस स्टेशन काे संवारने का काम का तेजी से चल रहा है।

अमृत भारत योजना से स्टेशन को संवारा जा रहा है। इस स्टेशन का लुक मुंगेर किला की तरह दिया जा रहा है। स्टेशन का मुख्य द्वार किला की तरह होगा।

योजना के तहत स्टेशन पर दो तरफ से दो लिफ्ट भी लगेगी। स्टेशन के बाहर और अंदर कई तरह के इंटीरियर बदलाव दिखेंगे। कुछ माह बाद ही मुंगेर स्टेशन बड़े स्टेशनों की तरह दिखेगा। यहां यात्री सुविधाओं में इजाफा होगा।

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