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    गोढ़िया नदी के किनारे चल रहा था हथियार बनाने का काम, पुलिस की रेड से मच गया हड़कंप; दो गिरफ्तार

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 03:22 PM (IST)

    मुंगेर के गंगटा थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया। छापेमारी में दो अर्धनिर्मित राइफल तीन कट्टा और हथियार बनाने के उपकरण बरामद हुए। पुलिस ने दो कारीगरों को गिरफ्तार किया है जिन्होंने बताया कि उन्हें एक पिस्टल बनाने के 2500 रुपये मिलते थे। पुलिस हथियार तस्करी के मामलों में तेजी से कार्रवाई करने की बात कह रही है।

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    पुलिस की गिरफ्त में दोनों आरोपी। (जागरण फोटो)

    संवाद सहयोगी, मुंगेर। गंगटा थाने की पुलिस ने बुधवार की देर शाम पौकड़ी बहियार स्थित गोढ़िया नदी के किनारे खाली जमीन पर चल रहे मिनी गन फैक्ट्री का राजफाश किया है।

    पुलिस ने यहां से दो अर्द्धनिर्मित रायफल, एक अर्द्धनिर्मित बॉडी, तीन कट्टा, तीन अर्द्धनिर्मित कट्टा, एक ड्रिल मशीन, चार अर्द्धनिर्मित बैरल, तीन मैगजीन, दो वेल्डिंग मशीन, भांति, सहित हथियार बनाने का उपकरण बरामद किया है।

    दो कारीगर को भी पुलिस ने पकड़ा है। गंगटा थाने की पुलिस को सूचना मिली थी कि गंगटा थाना क्षेत्र के पौकड़ी बहियार स्थित गोढ़िया नदी के खाली स्थान पर हथियार का निर्माण हो रहा है। इसकी सूचना पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद को दी गई।

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    सूचना के बाद खड़गपुर डीएसपी अनिल कुमार के नेतृत्व में गंगटा थानाध्यक्ष राहुल कुमार, टेटिया बंबर थानाध्यक्ष मुकेश कुमार केहरी, दरोगा दीप शिखा कुमारी, बुचुल राम ,पदाधिकारी सहित पुलिस जवानों ने पौकड़ी बहियार के चिह्नित स्थानों की घेराबंदी कर छापेमारी की।

    पुलिस ने देखा कि वहां पांच लोग हथियार बनाने में जुटे है। पुलिस को देखते ही सभी भागने लगे। दो लोगों को जवानाें ने खदेड़ कर पकड़ लिया। तीन भागने में सफल रहे। गिरफ्तार कारीगर में पौकड़ी निवासी बबलू प्रसाद सिंह उर्फ बबलू मंडल्र और राजेंद्र प्रसाद सिंह है।

    एसपी सैयद इमरान मसूद ने बताया कि बहियार इलाके में अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण व विधि व्यवस्था संधारण को लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है।

    एक हथियार तैयार करने में 2500 मजदूरी

    एसपी ने कहा पौकड़ी बहियार के गोढिया नदी के खाली स्थान में कुछ माह से हथियार बनाने का काम चल रहा था। पूछताछ में गिरफ्तार कारीगर ने पुलिस को बताया कि एक पिस्टल बनाने का 2500 रुपये मजदूरी मिलता है।

    खुद से बिक्री करने पर एक पिस्टल का 25 से 30000 मिलता है। एसपी ने कहा हथियार की सप्लाई कहां - कहां हो रही है। इसकी भी जांच कि जा रही है।

    बहियार व पहाड़ी क्षेत्र सेफ जोन

    हाल के महीनो में लगतार हुई गिरफ्तारी के बाद हथियार तस्करों ने ट्रेड बदल दिया है। गांव को छोड़कर पहाड़, जंगली इलाकों और दियारा क्षेत्र में नया ठिकाना बनाया है। पुलिस - प्रशासन की लगातार दबिश को देखते हुए अवैध हथियार बना रहें है। हथियार तस्कर जंगली व पहाड़ी एरिया को अपना सेफ जोन समझते है।

    पांच वर्षों में 150 मामले सामने आए

    बिहार विधान सभा चुनाव से पहले हथियार तस्करी मामले में गिरफ्तार हुए आरोपित को स्पीड ट्राइल चला कर सजा दिलाने का काम किया जाएगा। एसपी ने बताया कि पांच वर्षों में 150 मामले पकड़े गए हैं। इसमें 400 से अधिक आरोपित है। सभी प्रक्रिया को पूरा करते हुए जल्द से जल्द सजा दिलाने का काम किया जाएगा।

    ये सामान हुए बरामद

    • 06 बेस मशीन, एक ड्रिल मशीन, तीन ग्रैंडर बरामद
    • 03 कट्टा, तीन अर्द्धनिर्मित कट्टा, तीन मैगजीन बरामद
    • 02 वेल्डिंग मशीन, चार अर्द्धनिर्मित बैरल, तीन मोबाइल
    • 18 अर्द्धनिर्मित ट्रीगर, सात कारतूस, दो खोखा भी जब्त
    • 02 अर्द्धनिर्मित रायफल बाडी, एक भांति, एक हामर