Munger News: अंधविश्वास में बच्ची की हत्या, आंख निकालने वाले चार को उम्रकैद
अंधविश्वास में आकर सात वर्षीय बच्ची की हत्या कर उसकी आंख निकालने वाले चार दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना नयारामनगर थाना क्षेत्र के फरदा गांव में 2021 में हुई थी। इस मामले में पाक्सो एक्ट की विशेष आदालत के न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने दिलीप चौधरी दशरथ मंडल परवेज आलम व तनवीर आलम को दोषी पाते हुए चारों को आजीवन कारावास दिया।
जागरण संवाददाता, मुंगेर। अंधविश्वास में आकर सात वर्षीय बच्ची की हत्या कर उसकी आंख निकालने वाले चार दोषियों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह घटना नयारामनगर थाना क्षेत्र के फरदा गांव में 2021 में हुई थी।
इस मामले में पाक्सो एक्ट की विशेष आदालत के न्यायाधीश प्रदीप कुमार चौधरी ने दिलीप चौधरी, दशरथ मंडल, परवेज आलम व तनवीर आलम को दोषी पाते हुए चारों को आजीवन कारावास दिया। इसके साथ ही विभिन्न धाराओं के तहत अर्थदंड भी लगाया।
अर्थदंड की राशि नहीं जमा करने पर सजा में डेढ़ से लेकर तीन माह तक की बढ़ोतरी की जाएगी।कोर्ट ने गत 16 मार्च को ही चारों को दोषी करार दिया गया था। शनिवार को सजा के बिंदुओं पर सुनवाई की गई। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक प्रीतम कुमार वैश्य ने बहस में भाग लिया।
घटना के संबंध में बताया जाता है कि मुख्य आरोपित दिलीप चौधरी की पत्नी बीमार रहती थी। दिलीप के मित्र ने उसे पत्नी को बीमारी से मुक्त कराने के लिए खगड़िया के मौलवी परवेज आलम से मिलने की सलाह दी।
आंख निकलकर तांत्रिक के निर्देशानुसार पूजा की
जब दिलीप तांत्रिक परवेज आलम से मिला तो उसने एक ऐसी बच्ची के अंग व खून लेकर पूजा करने को कहा जिसकी उम्र तेरह वर्ष से कम हो। इसके बाद दिलीप ने अपने दोस्तों से यह बात बताई। उसके दोस्तों ने उसे ऐसी बच्ची मिलने की बात कहकर बुलाया।
इसके बाद सबने मिलकर बच्ची को तनवीर आलम के मुर्गा फार्म में बंद कर दिया तथा देर रात गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। उसकी आंख निकलकर तांत्रिक के निर्देशानुसार पूजा की।
पुलिस ने दूसरे दिन बच्ची का शव घटनास्थल से बरामद की तथा दिलीप चौधरी की निशानदेही पर उसके घर से खून से सना थैला तथा पूजन सामग्री भी बरामद कर लिया।
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