जमालपुर रेल इंजन कारखाना के एक अध्याय का हुआ पटाक्षेप
मुंगेर । दुर्भाग्य जमालपुर रेल इंजन कारखाना का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। कारखा
मुंगेर । दुर्भाग्य जमालपुर रेल इंजन कारखाना का पीछा छोड़ने का नाम नहीं ले रहा है। कारखाने के धीरे-धीरे कई इकाई बंद होने के बाद अब जमालपुर रेल कारखाना का एक महत्वपूर्ण शॉप डीजल शॉप बंद होने का प्रमाण भी आ ही गया। अप्रैल 2021 तक कोई भी वर्क लोड इस शॉप को नहीं मिलना, इस बात का संकेत संकेत है कि डीजल शॉप का अध्याय भी जमालपुर रेल कारखाना से समाप्त होने की ओर बढ़ चला है। बताते चलें कि एशिया प्रसिद्ध जमालपुर रेल इंजन कारखाना के डीजल शॉप हर महीने सात इंजन और साल में 84 इंजन का पीएच मरम्मत कार्य करता था। जिसमें लगभग 650 रेल कर्मी कार्यरत हैं। राइट के तीन इंजन का मरम्मत कर अपने उम्दा कारीगरी का प्रमाण दिया। अब डीजल शॉप बंद होने की दहलीज पर पहुंच गया है। हालांकि कोई भी अधिकारी इस बिदु पर मुंह खोलने से परहेज कर रहे हैं। वर्तमान में कारखाना प्रबंधन द्वारा कोई पहल नहीं किए जाने से रेल कर्मियों में आक्रोश व्याप्त है।
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कारखाने को उजाड़ने में अधिकारियों की भूमिका महत्वपूर्ण
संवाद सहयोगी, जमालपुर (मुंगेर) : रेल कारखाना के विकास को लेकर वर्षों से संघर्षरत जमालपुर रेल इंजन कारखाना निर्माण इकाई संघर्ष मोर्चा के संयोजक सपा जिलाध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि मोर्चा के लोग लगातार चिल्ला रहे हैं कि एक षड्यंत्र के तहत जमालपुर कारखाना को शिकार बनाया जा रहा है। उसी की एक कड़ी डीजल शॉप का समाप्त होना है। मोर्चा बार-बार यह कहती रही है कि भारतीय रेलवे विद्युतीकरण के बाद लौह नगरी जमालपुर में स्थापित डीजल शेड को इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रिक शॉप में तब्दील किया जाए। लेकिन, इस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं की गई। कारखाना के भविष्य को दांव पर लगाने में स्थानीय रेल अधिकारियों की भूमिका है। इसे जमालपुर की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।

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