Jamalpur Railway Factory: बिहार में बना ये जैक उठा सकता है 140 टन वजन, दुनियाभर में है भारी डिमांड
बिहार के जमालपुर रेलवे कारखाने में बना 140 टन का जैक दुनियाभर में अपनी भारी डिमांड के लिए मशहूर है। यह जैक पूरी तरह से भारत में बना है और भारी वजन उठा ...और पढ़ें

संवाद सूत्र, जमालपुर (मुंगेर)। देशभर में अपनी तकनीकी कुशलता के लिए प्रसिद्ध जमालपुर रेल कारखाना ने एक बार फिर नया इतिहास रचने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। रेलवे इंजीनियरिंग के इस गौरवशाली केंद्र ने अब पूरी तरह नई तकनीक से तैयार माडिफाई जैक को अंतिम रूप दे दिया है।
जमालपुर में तैयार यह नवीनतम जैक न केवल रेलवे, बल्कि देश की कई बड़ी औद्योगिक कंपनियों में भी अपनी उपयोगिता दर्ज कराएगा। पहले के मुकाबले 2025 में नए आधुनिक तरीके से बना यह जैक पहले की तुलना में काफी बेहतर और कारगार साबित होगा। माडिफाई जैक में कल-पुर्जों के साथ व्हीलर अरेंजमेंट और इलेक्ट्रिकल माडिफिकेशन किया गया है, जिससे इसका संचालन और भी सरल हो गया है।
तकनीशियन ने बताया कि 35 टन क्षमता वाले चार जैक को मिलाकर एक सेट तैयार किया गया है, जिसकी संयुक्त क्षमता लगभग 140 टन होगी। यह भारी-भरकम क्षमता रेलवे इंजन, कोच तथा औद्योगिक मशीनरी को सुरक्षित रूप से उठाने में अत्यंत उपयोगी साबित होगा। जैक में कई बड़े तकनीकी बदलाव किए गए हैं।
पारंपरिक जैक को खींचने और स्थानांतरण करने में जहां भारी मेहनत लगती थी। अधिकारियों के अनुसार नए जैक में व्हीलर अरेंजमेंट, इलेक्ट्रिकल माडिफिकेशन और कल-पुर्जों में गुणवत्ता सुधार किया जाएगा। जिससे इसकी कार्यकुशलता कई गुना बढ़ जाएगी।
एकलौता कारखाना है जमालपुर
जमालपुर में वर्ष 1962 से जैक निर्माण हो रहा है। यही कारण है कि इस वर्कशाप की पहचान आज भी पूरे देश में एक विश्वसनीय और सक्षम निर्माण इकाई के रूप में है। रेलवे की विभिन्न परियोजनाओं के अलावा कई औद्योगिक संस्थानों की मांगों को पूरा करने के लिए जमालपुर में बने जैक की क्षमता और टेक्नोलाजी को भी उन्नत किया गया है।
सूत्रों ने बताया कि अब तक जमालपुर में निर्मित 10 हजार से अधिक जैकों के लिए देश और विदेशों से आर्डर प्राप्त हुए हैं। वेल, स्टील फैक्ट्रियों, रेल फैक्ट्रियों, एनटीपीसी, म्यांमार और वर्मा में भी इन जैकों की आपूर्ति हुई है। यहां बने जमालपुर जैक की क्वालिटी और डिजाइन की बदौलत इसकी मांग निरंतर बढ़ रही है।
जमालपुर में तैयार होने वाले एक जैक की अनुमानित लागत लगभग 50 लाख आता है। प्रतिवर्ष लगभग 500 जैक बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। नई तकनीक के जुड़ने के बाद जमालपुर वर्कशाप न केवल रेलवे के लिए बल्कि देश के औद्योगिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने जा रहा है।

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