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    बिहार में एक और पुल पर खतरा: 20 महीने में दरकने लगा एप्रोच रोड, रेलवे भी दो बार दे चुका है चेतावनी

    By Rajnish KumarEdited By: Prateek Jain
    Updated: Wed, 27 Sep 2023 04:07 PM (IST)

    Shri Krishna Setu श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटन फरवरी 2022 में हुआ था। 20 माह बाद ही पहुंच पथ की सड़कें दरकने लगीं हैं। कई जगहों पर गड्ढे भी हो गए हैं। ऐस ...और पढ़ें

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    श्रीकृष्ण सेतु से पहले एप्रोच पथ पर गड्ढा। फोटो- जागरण

    Bihar News: हैदर अली, मुंगेर। श्रीकृष्ण सेतु का उद्घाटन फरवरी, 2022 में हुआ था। 20 माह बाद ही पहुंच पथ की सड़कें दरकने लगीं हैं। कई जगहों पर गड्ढे भी हो गए हैं। ऐसे में गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।

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    पहुंच पथ का मेंटनेंस एनएचएआई की ओर से किया जाता है। एनएचएआई टूटने का कारण ओवरलोड ट्रकों का परिचालन बताया रहा है।

    श्रीकृष्ण सेतु के नीचे है रेलवे पुल

    श्रीकृष्ण सेतु पर ट्रक, बाइक, ऑटो और निजी वाहनों का परिचालन होता है। यात्री बसों को परमिट नहीं मिली है। बावजूद, कुछ यात्री बसें भी चल रही हैं।

    श्रीकृष्ण सेतु के नीचे रेलवे पुल है। हर दिन दो दर्जन से ज्यादा मालगाड़ियां और यात्री ट्रेनें गुजरतीं है। रेलवे ने पुल पर खतरा होने की आशंका जताते हुए ओवरलोड ट्रकों के परिचालन पर रोक लगाने के लिए दो बार पत्र भी भेजा है।

    जिला प्रशासन की ओर से दो बार बैरिकेडिंग भी कराई गई, लेकिन बालू तस्करों ने दोनों बार रात में बैरिकेडिंग को जेसीबी से तुड़वा दिया।

    हाथीदह पुल पर बड़े वाहनों का परिचालन बंद होने के कारण बेगूसराय, कोसी-सीमांचल और उत्तर बिहार जाने वाले ट्रकों का परिचालन श्रीकृष्ण सेतु के रास्ते हो रहा है। हर दिन लगभग पांच सौ से ज्यादा ओवरलोडेड ट्रक गुजर रहे हैं।

    रेलवे के पत्र पर बरती गई थी सख्ती

    श्री कृष्ण सेतु के नीचे से ट्रेनें गुजरतीं है। रेलवे सेतु के सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए रेलवे की तरफ से राज्य के परिवहन सचिव को पत्र लिखा गया था कि 20 टन से ज्यादा क्षमता वाले भारी वाहनों का परिचालन बंद नहीं हुआ तो पुल क्षतिग्रस्त हो सकता है।

    रेलवे से मिले पत्र के बाद राज्य के परिवहन सचिव ने 20 टन से अधिक भार क्षमता वाले वाहनों के परिचालन पर रोक लगाने का आदेश जिला प्रशासन को दिया। इसके बाद एनएचएआई के अधिकारियों व जिला प्रशासन के साथ बैठक हुई।

    जिला प्रशासन ने एनएचएआई को श्रीकृष्ण सेतु पर बैरियर लगाने का निर्देश दिया। जून और जुलाई माह में दो बार बैरियर लगाया गया। दोनों बार बैरियर को रात में ही बालू तस्करों ने तोड़ दिया। कृष्ण सेतु पर हर दिन बालू व पत्थर लदे 40 से 50 टन तक भार वाले वाहनों का परिचालन हो रहा है।

    एप्रोच पथ पर वर्षा का पानी निकासी के लिए ड्रेन बनाया गया है, उसे स्थानीय लोगों ने सीमेंट-बालू से बंद कर दिया था। इस कारण पथ पर जलजमाव होने के कारण सड़क टूट रही है। बालू और गिट्टी के ओवरलोड वाहनों का परिचालन हो रहा है। इस पर नियंत्रण नहीं किया जा रहा है। बरसात बाद होते सड़क मरम्मत का काम शुरू कर दिया जाएगा। -प्रमोद कुमार महतो, परियोजना निदेशक, एनएचएआई

    श्री कृष्ण सेतु पर मजबूत बैरिकेडिंग के लिए जिलाधिकारी, जिला परिवहन पदाधिकारी के साथ बातचीत चल रही है। सेतु पर बालू और गिट्टी के ओवरलोडेड वाहनों की घर पकड़ के लिए जल्द अभियान चलाया जाएगा। पहले भी दो बार श्रीकृष्ण सेतु पर बैरिकेडिंग की गई थी। इस बार सेतु से पहले मजबूत बैरिकेडिंग की जाएगी। इस दिशा में काम चल रहा है। - संजय कुमार, एसडीओ, सदर

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