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Bihar Guest Teacher: अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार तो मिला मगर मानदेय नहीं, नीतीश सरकार ने नहीं दिया फंड

मुंगेर विश्वविद्यालय के अतिथि शिक्षकों को उनके निर्धारित मानदेय की राशि का भुगतान नहीं हो पाया। हालांकि बीच में दो बार उन्हें 50-50 हजार रुपये अग्रिम राशि का भुगतान किया गया पर अब तक उन्हें मानदेय की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। वहीं दूसरी ओर सेवा विस्तार के दो माह होने को हैं अब भी उन्हें मानदेय की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है।

By Rajnish Kumar Edited By: Rajat Mourya Published: Mon, 18 Mar 2024 02:55 PM (IST)Updated: Mon, 18 Mar 2024 02:55 PM (IST)
अतिथि शिक्षकों को सेवा विस्तार तो मिला मगर मानदेय नहीं, नीतीश सरकार ने नहीं दिया फंड

जागरण संवाददाता, मुंगेर। मुंगेर विश्वविद्यालय ने अपने अधीन संचालित 17 अंगीभूत कॉलेजों में 19 विषयों में 160 से अधिक अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया जनवरी 2023 में पूर्ण की थी। इन अतिथि शिक्षकों के 11 माह का कार्यकाल 11 नवंबर 2023 को समाप्त हो गया। इसके बाद विश्वविद्यालय ने सभी अंगीभूत कॉलेजों के प्राप्त सीसीआर व पीएआर रिर्पोट के आधार पर 20 जनवरी 2024 को कुल 117 अतिथि शिक्षकों को राज्य सरकार के संकल्प के आलोक में 16 से 18 जनवरी तक आयोजित विश्वविद्यालय चयन समिति की बैठक की अनुशंसा के आधार पर अतिथि शिक्षकों को 11 माह के सेवा विस्तार का लाभ दिया।

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इस 11 माह के कार्यकाल के दौरान फंड के अभाव में अतिथि शिक्षकों को उनके निर्धारित मानदेय की राशि का भुगतान नहीं हो पाया। हालांकि बीच में दो बार उन्हें 50-50 हजार रुपये अग्रिम राशि का भुगतान किया गया, पर अब तक उन्हें मानदेय की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। वहीं दूसरी ओर सेवा विस्तार के दो माह होने को हैं, अब भी उन्हें मानदेय की राशि का भुगतान नहीं किया जा सका है। ऐसे में अतिथि शिक्षक बिना मानदेय के ही एमयू के कालेजों में कक्षा का संचालन करने को मजबूर हैं।

2020 में प्राप्त हुई राशि 2023 में हुई वापस

मुंगेर विश्वविद्यालय ने वष्र 2020 में ही अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने से पहले ही राज्य सरकार से अतिथि शिक्षकों के मानदेय मद में राशि की मांग की थी। इस पर विश्वविद्यालय को आवंटन भी प्राप्त हो गया था। लंबे समय तक इस मद में प्राप्त राशि का उपयोग नहीं हो पाने के कारण 2023 में यह राशि वापस करने का निर्देश दिया तथा इसके बाद राशि राज्य सरकार को वापस कर दी गई।

उस समय शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया पूर्ण करने के बाद दोबारा राशि जारी करने का आश्वासन दिया था, पर अब तक इस मद में राशि ही जारी नहीं किया गया। शिक्षा विभाग की ओर से कई बार यह कहा गया कि विश्वविद्यालय अपने आंतरिक स्त्रोत से अतिथि शिक्षकों के मानदेय का भुगतान करे। इस खींचतान के बीच तीन बार अतिथि शिक्षकों को कालेज के आंतरिक मद से 50-50 हजार रुपये भुगतान भी किया गया, परंतु अब तक राज्य सरकार ने मानदेय मद की राशि जारी नहीं किया है। ऐसे में अतिथि शिक्षक अब तक भी बिना मानदेय के काम कर रहे हैं।

शिक्षा विभाग से अतिथि शिक्षकों के मानदेय मद में राशि की मांग की गई है। राशि प्राप्त होते ही मानदेय का भुगतान कर दिया जाएगा। - कर्नल विजय कुमार ठाकुर, कुलसचिव

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