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    बिहार चुनाव में वोटिंग के बाद बढ़ी प्रत्याशियों की धड़कनें, सम्राट चौधरी की सीट पर क्या है माहौल?

    Updated: Sat, 08 Nov 2025 03:23 PM (IST)

    मुंगेर, जमालपुर और तारापुर विधानसभा क्षेत्रों में पहले चरण के चुनाव के बाद नतीजों का इंतजार है। 14 नवंबर को यह तय होगा कि इन सीटों पर किसकी जीत होगी। तारापुर में भाजपा और राजद के बीच कड़ा मुकाबला है, वहीं मुंगेर में भी कांटे की टक्कर है। जमालपुर में जदयू की पकड़ मजबूत मानी जा रही है। फिलहाल, सभी प्रत्याशी और समर्थक नतीजों का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।

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    उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी। फाइल फोटो

    रजनीश, मुंगेर। पहले चरण में जिले में चुनाव संपन्न होने के बाद विधानसभा चुनाव के नतीजों में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं। जिलेभर में सियासी तापमान तेजी से बढ़ रहा है। मतदाताओं से लेकर प्रत्याशियों तक, सबकी निगाहें 14 नवंबर पर टिकी हैं।

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    इसी दिन यह तय होगा कि मुंगेर, जमालपुर और तारापुर की सियासी जंग में किसके सिर जीत का ताज बंधेगा। जनता का फैसला अब ईवीएम में कैद है, लेकिन दिलों की धड़कनें लगातार तेज होती जा रही हैं।

    तारापुर का कौन बनेगा सम्राट?

    तारापुर सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो चुका है। अगर भाजपा के सम्राट चौधरी जीतते हैं, तो वे पहली बार इस सीट पर कमल खिलाने में सफल होंगे। यह भाजपा के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

    कभी तारापुर को राजद का गढ़ माना जाता था, लेकिन पिछले दो दशक से एनडीए का कब्जा यहां कायम है। इस बार राजद अपनी 20 वर्ष पुरानी खोई विरासत को वापस लाने की पूरी कोशिश में है। अब देखना यह है कि मतदाता किसे चुनते हैं पुराना अनुभव या नई उम्मीदें।

    मुंगेर में राजद को वापसी की उम्मीद

    मुंगेर सीट पर इस बार का मुकाबला भी रोचक है। भाजपा की जीत होती है तो यह लगातार दूसरी बार कमल खिलने की सफलता होगी। वहीं अगर राजद को बढ़त मिलती है, तो 10 वर्ष बाद लालटेन की लौ एक बार फिर जल उठेगी। भाजपा और राजद दोनों ने इस सीट पर मजबूत उपस्थिति दर्ज की है।

    स्थानीय मुद्दे, विकास की मांगें और युवा मतदाताओं की भूमिका इस सीट पर निर्णायक मानी जा रही है। चुनावी मैदान में दोनों दलों ने पूरी ताकत झोंक दी है। अब फैसला मतपेटियों में बंद है।

    जमालपुर सीट में 20 सालों से जदयू

    जमालपुर सीट का इतिहास हमेशा से रोचक रहा है। यहां जदयू की पकड़ करीब 20 वर्षों से मजबूत रही है। अगर इस बार फिर तीर निशाने पर लगता है तो जदयू पांच वर्ष बाद अपनी पुरानी जमीन बचाने में सफल रहेगा।

    जिले की तीनों सीटों मुंगेर, जमालपुर और तारापुर पर अब प्रत्याशी और समर्थक उत्सुकता से नतीजों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। शहर से लेकर गांव तक चुनावी चर्चा तेज है।

    चाय की दुकानों से लेकर चौपाल तक बस एक ही सवाल गूंज रहा है। किसके सिर बंधेगा ताज 14 नवंबर को मतगणना के बाद यह स्पष्ट हो जाएगा कि तारापुर में सम्राट की ताजपोशी होती है या नहीं। मुंगेर में कमल खिलेगा या लालटेन जलेगी और जमालपुर में तीर अपने निशाने पर लगता है या नहीं।

    फिलहाल जिलेभर में सियासी हलचल जारी है और समर्थक अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। नतीजों से पहले उत्सुकता अपने चरम पर है।