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    बिहार का एक ऐसा गांव... जहां पानी के चलते नहीं बज रहीं शहनाईं, पहले शादीशुदा जोड़े भी ले रहे तलाक

    By Rajnish KumarEdited By: Shashank Shekhar
    Updated: Wed, 11 Oct 2023 03:55 PM (IST)

    क्या आपने कभी सोचा कि पानी की वजह से शादियां टूट सकती है? अगर नहीं तो अब सोचिए। बिहार में एक ऐसा गांव है जहां नल से पानी भरपूर आता है। रहने को छत और खाने को खाना भी। गलियां भी ठीकठाक हैं। फिर भी सिर्फ पानी की वजह से गांव के लड़के-लड़कियां कुंवारे घूम रहे हैं। रिश्‍ते तो आते हैं लेकिन सिर्फ पानी की वजह से शादी नहीं होती।

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    बिहार का एक ऐसा गांव... जहां पानी के चलते नहीं बज रहीं शहनाईं

    वरुण यादव, टेटिया बंबर (मुंगेर)। जिला मुख्यालय से लगभग 45 किलोमीटर दूर टेटिया बंबर प्रखंड के ठाड़ा गांव में पानी ने शहनाई पर रोक लगा दी है। यहां पानी में फ्लोराइड की मात्रा लगातार बढ़ रही है। इससे बच्चों के दांत पीले पड़ने लगे हैं। युवाओं का शरीर भी कमजोर होने लगा है।

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    पांच सौ की आबादी वाले इस गांव में लोगों को शुद्ध पानी नसीब नहीं हो रहा है। पीएचईडी ग्रामीणों की सेहत के प्रति गंभीर नहीं है।

    गांव में 10 से अधिक लोगों की मौत 

    ग्रामीणों का कहना है कि पेट की बीमारी से पिछले तीन-चार सालों में 10 से अधिक लोगों की मौत बीमारी से हुई है। गांव में एक चापानल लगाया गया है, लेकिन इसके खराब होने पर लोग कुएं का पानी पीते हैं।

    विडंबना यह है कि यदि गांव में कोई रिश्ता तय करने पहुंचता है तो गांव की हालत देखकर लौट जाता है। गांव के लोग जंगल से लकड़ियां काटकर बाजार में बेचते हैं। गरीबी के कारण ये उपचार तक नहीं करा पाते।

    पीएचईडी के कनीय अभियंता दिनेश प्रसाद यादव ने बताया कि प्रति लीटर पानी में फ्लोराइड की मात्रा 1.5 मिलीग्राम से अधिक नहीं होनी चाहिए। इस गांव में 3.2 मिली ग्राम इसकी मात्रा है।

    खाट और लाठी बना सहारा

    गांव के मलखा टुडू ,जुगल मुर्मू, फूलिया देवी ,किशन टुडू, कैलाश मुर्मू, संजीव कुमार, शंभू हांसदा, सलगी देवी तलकेश्वर टुडू, बड़की देवी, सूरज हांसदा की सेहत कमर दर्द, दांत पीला, घुटना दर्द से बुढ़ापा की तरह हो गया है। सभी ने लाठी पकड़ ली है।

    गांव की पुतुल देवी, मंझली देवी, गोला मुर्मू सहित कई बीमारी से ग्रस्त होने के कारण खाट से नहीं उठ रही है। जुगल मुरमुर ने बताया कि पीएचईडी विभाग की ओर से एक चापानल लगाया गया है। इसी चापानल से सभी पानी पीते है।

    गांव के लोग का फलोराइड का पानी के पीने से बीमारी होने कारण गांव के लड़के-लड़कियों को शादी करने में काफी परेशानी की सामना करना पड़ता है। रिश्तेदार गांव के लोगों की हालत देखकर लौट जाते हैं।

    केस-1

    गांव के छोटन हांसदा ने बताया कि उनकी बेटी की शादी बांका जिले के कटोरिया गांव में तय हुआ था। सबकुछ ठीक हो गया था। इस बीच गांव के लोगों में हो रही बीमारी का पता चलने के बाद लड़के वालों ने शादी करने से इनकार कर दिया।

    केस-2

    ठाड़ा के रामदास सोरेन ने बताया कि उनके बेटे की शादी जमुई जिले के लक्ष्मीपुर में तय हुई थी। इसी साल बारात थी। गांव के पानी में फ्लोरोइड की मात्रा ज्यादा होने से बीमारी की बात सुनकर लड़की वालों ने रिश्ता करने से मना कर दिया।

    ठाड़ा गांव में जल नल योजना को संचालित करने के लिए प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी को आवेदन दिया गया है पर जल नल योजना पर काम शुरू नहीं हुआ है।- सुखदेव टुड्डू, वार्ड सदस्य

    मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत नल-जल के लिए प्राक्कलन बनाकर भेजा गया है। जल्द ही जगह चयन कर काम शुरू किया जाएगा।- दिनेश प्रसाद यादव, कनीय अभियंता, पीएचईडी

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