कमला में स्नान के बाद शिलानाथ महादेव की पूजा-अर्चना
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित शिलानाथ महादेव मंदिर परिसर में कार्तिक पूर्णिमा मेला का आयोजन किया गया।
मधुबनी। जयनगर अनुमंडल मुख्यालय से तीन किलोमीटर की दूरी पर अवस्थित शिलानाथ महादेव मंदिर परिसर में कार्तिक पूर्णिमा मेला का आयोजन किया गया। मेला में हजारों श्रद्धालु पहुंचकर भोलेनाथ की पूजा-अर्चना की। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पवित्र कमला नदी में स्नान कर जो भी शिलानाथ महादेव का दर्शन करते हैं, वे सालों भर निरोग रहते हैं। पड़ोसी राष्ट्र नेपाल समेत सीतामढ़ी, शिवहर, समस्तीपुर, दरभंगा समेत अन्य जिलों के हजारों श्रद्धालु जयनगर पहुंचकर पवित्र कमला नदी में स्नान कर शिलानाथ महादेव की पूजा-अर्चना की। सैकड़ों वर्षो से हो रहा मेला का आयोजन
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर अनुमंडल मुख्यालय और शिलानाथ महादेव स्थान में दशकों से मेला का आयोजन किया जा रहा है। इस अवसर पर मित्र राष्ट्र नेपाल के पहाड़ी क्षेत्र के दर्जनों व्यापारी नेपाल से तेजपत्ता, धूमन की लकड़ी समेत पहाड़ पर मिलने वाले अन्य घरेलू सामान लेकर पहुंचते हैं, जो इस मेला के आकर्षक का प्रमुख केंद्र बना रहता है। मां-बेटी का भी होता मिलन:
कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर शिलानाथ में लगने वाले मेला में मां-बेटी का भी मिलन खूब होता है। नेपाल से बेटी-रोटी का संबंध होने के कारण नेपाल में ब्याही दर्जनों बेटी सालों भर कार्तिक पूर्णिमा मेला का इंतजार करती हैं। नेपाल ब्याही बेटी इस मेला में अवश्य पहुंचती, ताकि अपने मां समेत अन्य मायके वालों से भेंट हो सके।
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फोटो 12 एमडीबी 9,10
मधवापुर (मधुबनी), संस : कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर प्रखंड के ब्रह्मपुरी गांव स्थित पवित्र धौंस-जमुनी नदी के संगम स्थल पर शनिवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने स्नान कर नदी किनारे स्थित त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में शिवलिग का जलाभिषेक किया। इस अवसर पर इस धार्मिक व ऐतिहासिक संगम स्थल पर सुबह से ही बड़ी संख्या में पड़ोसी राष्ट्र नेपाल व भारतीय इलाके के श्रद्धालु महिला-पुरुषों ने नदी में स्नान कर अखरहरघाट स्थित त्रिलोकीनाथ महादेव मंदिर में भगवान भोलेनाथ के शिवलिग का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की। स्नान के बाद संगम नदी किनारे पर लग भव्य व आकर्षक मेले का आनंद उठाया। मेला संचालन समिति के अध्यक्ष चंदन कुमार व मुखिया अमरेंद्र कुमार राय ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि मकर संक्रांति और कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर इस संगम नदी में स्नान करने से जीवन के सारे पाप धूल जाते हैं। मेला को सफलता पूर्वक संचालन के लिए मुखिया के नेतृत्व में काफी संख्या में समिति के सदस्यों के अलावा ग्रामीण जुटे हुए हैं।
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