Vivah Panchami 2025: जनकपुरधाम में महोत्सव के तीसरे दिन धनुष टूटते ही लगे श्रीराम के जयकारे
Vivah Panchami 2025: जनकपुरधाम में विवाह पंचमी महोत्सव के तीसरे दिन भगवान राम द्वारा धनुष तोड़े जाने पर श्रीराम के जयकारे गूंज उठे। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। यह महोत्सव भगवान राम और सीता के विवाह के उपलक्ष्य में मनाया जाता है।

Vivah Panchami 2025: शिव धनुष को उठाकर प्रत्यंचा चढ़ाते प्रभु श्रीराम। जागरण
संवाद सहयोगी, हरलाखी (मधुबनी)। Vivah Panchami 2025: नेपाल के जनकपुरधाम में इनदिनों प्रभु श्रीराम व माता जानकी की विवाहोत्सव विधान को लेकर उत्सवी माहौल बना हुआ है। विवाहोत्सव विधान में शामिल होने के लिए दूरदराज के श्रद्धालु दिनानुदिन जनकपुरधाम पहुंचने लगे।
अवध कुमार मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व जनक सुकुमारी माता जानकी के विवाह की तिथि जैसे जैसे नजदीक आती जा रही है वैसे वैसे भारत नेपाल दोनों देश वासियों का उत्साह बढ़ते जा रहा है।
उत्साहित श्रद्धालु प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाह विधान की भक्ति में लीन हो चुके है। जनकपुरधान के पौराणिक जानकी मंदिर परिसर में प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाह महोत्सव का विधान चल रहा है।
सात दिवसीय इस महोत्सव के तीसरे दिन रणभूमि अर्थात बारहबीघा मैदान में धनुषयज्ञ का आयोजन किया गया। इस पौराणिक विधान को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। हर नजर प्रभु श्रीराम लक्ष्मण व माता जानकी को निहार रहे थे।
देश विदेश से धनुषयज्ञ में शामिल होने आये राजा महराजाओं के बाद जैसे ही प्रभु श्रीराम शिव धनुष की ओर बढ़े श्रद्धालुओं में जय श्रीराम का जयघोष गूंजने लगा। प्रभु श्रीराम ने भगवान शिव के धनुष को उठाया और उस पर प्रत्यंचा चढ़ाई की धनुष तीन खंडों में टूट गया।
धनुष टूटते ही श्रद्धालु प्रभु श्रीराम पर पुष्पवर्षा करने लगे। श्रद्धालुओं के तुम उठो सिया श्रृंगार करो अब धनुष राम ने तोड़ा है...तोड़ा है जी थोड़ा है सिया से नाता जोड़ा है...जैसी गीत गूंजने लगा।
इसके बाद माता जानकी ने मंगल गीतों के बीच दरबार में प्रभु श्रीराम के गले में वरमाला डाली। इस तरह राजा जनक की प्रतिज्ञा को पूरा कर प्रभु श्रीराम ने माता जानकी का वर्णन किया। इसके साथ दोनों के विवाह विधान की तैयारी शुरू हो गई है।
रविवार को जनकपुरधाम स्थित श्रीराम मंदिर परिसर तिलक उत्सव मनाया जाएगा। अगले दिन सोमवार को गंगासागर पोखर में माता जानकी का मटकोर होगा और मंगलवार को स्वयंवर अर्थात डोला मिलन के उपरांत विवाह वेदी पर प्रभु श्रीराम व माता जानकी परिणय सूत्र में बंध जाएंगे।
धनुष टूटते ही होने लगी पुष्प वर्षा
प्रभु श्रीराम ने जैसे ही धनुष भंग किया श्रद्धालु जय जय सियाराम के जयकारे लगाते हुए उन पर पुष्प वर्षा करने लगे। धनुष यज्ञ के इस मनमोहक दृश्य को देखने के लिए भारत नेपाल के लोग बड़ी संख्या में जनकपुरधाम में जुटे हुए थे।
जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव व उत्तराधिकारी महंत राम रोशन दास वैष्णव ने बताया कि प्रभु श्रीराम के विवाह महोत्सव में धनुषभंग को लेकर पौराणिक मान्यता है कि मिथिला नरेश जनक ने अपनी पुत्री सीता की शक्ति को देखते हुए प्रतिज्ञा की थी कि जो शूरवीर इस शिव धनुष पर प्रत्यंचा चढ़ा देगा उसी से पुत्री सीता का विवाह करेंगे।
इसको लेकर धनुषयज्ञ के माध्यम से सीता स्वयंवर का आयोजन किया गया और देश विदेश के सभी राजा महराजाओं को न्योता भेजा गया। इस क्रम में अवध राज्य का प्रतिनिधित्व करने अवध कुमार श्रीराम अपने गुरु विश्वामित्र व अनुज लक्ष्मण के साथ जनक दरबार पहुंचे।
जहां धनुषयज्ञ में देश विदेश के अन्य राजा महाराजाओं ने भाग लिया। वहीं श्रीराम अपने अनुज लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र के साथ धनुष यज्ञ में मौजूद थे। अन्य देशों के राजा महाराजाओं ने काफी प्रयास के बाद जब शिव धनुष को तिल भर भी हिला नहीं सके तो गुरु के आदेश पर प्रभु श्रीराम ने शिव धनुष को बाएं हाथ से उठाकर जैसे ही प्रत्यंचा चढ़ाया धनुष तीन खंड में टूट गया।
श्रीराम मंदिर में चल रहा है तिलकोत्सव की तैयारी
धनुषयज्ञ के उपरांत आज प्रभु श्रीराम के तिलकोत्सव का विधान होगा। तिलकोत्सव को लेकर श्रीराम मंदिर में जोर शोर से तैयारी चल रही है। तिलकोत्सव के लिए श्रीराम मंदिर में भव्य पंडाल व मंच बनाए जा रहे हैं।
आज राजा जनक की भूमिका में जानकी मंदिर के उतराधिकारी महंत राम रोशन दास वैष्णव जानकी पट्टी से छप्पन प्रकार के फलफूल व मिठाई सहित अन्य सामग्री के साथ राम मंदिर परिसर में पहुंचकर भगवान का तिलकोत्सव करेंगे।
इसके उपरांत राजा जनक की भूमिका में उत्तराधिकारी महंत राम रौशन दास व राजा दशरथ की भूमिका में श्रीराम मंदिर के महंत राम गिरी के बीच समधी मिलन से तिलकोत्सव विधान का समापन होगा।
मांस मदिरा पर रहता है निषेध
जनकपुरधाम में मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम व माता जानकी की सात दिवसीय विवाह महोत्सव को धूमधाम से निष्ठा पूर्वक मनाया जाता है। इस महोत्सव में शामिल होने के लिए एक तरफ जहां भारत नेपाल के कई राज्यों से साधू संत व श्रद्धालु जनकपुरधाम पहुंचते हैं तो वहीं जनकपुरधाम वासी भी प्रभु श्रीराम व माता जानकी की भक्ति में लीन रहते हैं।
नगर वासी इस महोत्सव को पूर्ण आस्था व निष्ठा से मनाते हैं। इस दौरान जानकी पट्टी में मांस मदिरा पर प्रशासनिक रूप से प्रतिबंध रहता है। नगर वासी भी प्रभु श्रीराम के नगर दर्शन से रामकलेबा तक अपने अपने घरों में मांस मदिरा का सेवन बंद कर विवाह पंचमी महोत्सव मनाते हैं। इस संबंध में स्थानीय लोगों ने बताया कि यहां के लोग विवाह पंचमी को वार्षिक महोत्सव के रूप में मनाते हैं।
इस महोत्सव के दौरान हमलोग अपने अपने घरों में मांस मदिरा सहित प्याज लहशन का भी सेवन बंद कर प्रभु श्रीराम व माता जानकी की भक्ति में लीन हो जाते हैं।

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