Vivah panchami 2025 : राम को देख कर श्री जनक नंदनी बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गईं...
नेपाल के जनकपुरधाम में जानकी मंदिर में श्रीसीताराम विवाहोत्सव मनाया जा रहा है। फुलवारी लीला में राजा जनक की पुष्पवाटिका में श्रद्धालु उमड़ पड़े। इस दौरान मैथिली गीत से वातावरण मनमोहक बन गया। भारत-नेपाल से श्रद्धालु जनकपुरधाम पहुंच रहे हैं। विवाहोत्सव में धनुषयज्ञ, स्वयंवर और विवाह जैसे कई कार्यक्रम होंगे। जानकी मंदिर से अयोध्या को भी न्योता भेजा गया है।

पुष्पवाटिका में प्रभु श्रीराम व माता जानकी का पहला मिलन। जागरण
मनोज झा, जनकपुरधाम (मधुबनी)। पड़ोसी सह मित्र राष्ट्र नेपाल के जनकपुरधाम स्थित जानकी मंदिर में आयोजित श्रीसीताराम विवाहोत्सव को लेकर नगरवासियों में उत्सवी माहौल बना हुआ है। सात दिवसीय विवाहोत्सव के दूसरे शुक्रवार की शाम राजा जनक की पुष्पवाटिका में फुलवारी लीला रस्म अदा की गई।
इस दौरान पुष्पवाटिका में राजा जनक जी के बाग में अलबेला रघुबर आयो जी... हाथ कमंडल रेशम डोरी गिरिजा पूजन जायो जी... जैसी मैथिलि मंगल गीत से पूरा वातावरण मनमोहक बन गया। मैथिलानी प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाहोत्सव में पूरी तरह से लीन दिख रहे थे।
फुलवारीलीला के लिए गुरु विश्वामित्र के मंच पर विराजमान प्रभु श्रीराम दोनो भाई व माता जानकी। जागरण
विभिन्न प्रदेशों से भी जनकपुरधाम पहुंच रहे श्रद्धालु
सात दिवसीय इस महोत्सव में शामिल होने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा भारत-नेपाल के विभिन्न प्रदेशों से भी श्रद्धालु जनकपुरधाम पहुंच रहे हैं। मिथिला के लोगों के रोम-रोम में राम और जन जन में जानकी वसी हुई हैं। विवाहोत्सव की तैयारी इस प्रकार है कि मानों उनके घर में शादी है।
शुक्रवार को जनकपुरधाम के पौराणिक विवाह मंडप परिसर स्थित राजा जनक के पुष्पवाटिका में फुलवारी लीला हुई। यह पुष्पवाटिका राजा जनक ने अपने महल के नजदीक पुत्री सीता के लिए बनवाया था। जहां वो प्रतिदिन गिरिजा पूजन के लिए फूल तोड़ने जाती थी। इस रस्म को देखने दूर दराज सहित नगरवासियों की भीड़ उमड़ गई।
नागवासी फुलवारी लीला देख मंत्रमुग्ध हो रहे थे। जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव व उत्तराधिकारी महंत रामरोशन दास वैष्णव ने बताया कि प्रभु श्रीराम के मिथिला आगमन के उपरांत माता जानकी से उनकी पहली मुलाकात इसी फुलवारी में हुई थी। यहां दोनों भाई अपने गुरु विश्वामित्र की पूजा के लिए पुष्प व तुलसी दल तोड़ने आए थे।
उसी समय पुष्पवाटिका में जनक नंदनी भी माता गिरिजा की पूजा के लिए पुष्प तोड़ने आई थी। जहां दोनों का पहला मिलन हुआ और प्रभु श्रीराम माता जानकी को सभी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद दिया। इस रस्म के लिए पौराणिक विवाह मंडप परिसर को दुल्हल की तरह सजाया गया।
शुक्रवार की शाम फुलवारी लीला के लिए प्रभु श्रीराम भ्राता लक्ष्मण व गुरु विश्वामित्र को पौराणिक विवाह मंडप के मंच पर बैठाया गया। जहां गुरु विश्वामित्र ने अपनी पूजा के लिए दोनों भाई को पुष्प व तुलसी दल लाने को कहा। गुरु के आदेश पर दोनों भाई राजा जनक के फुलवारी से पुष्प व तुलसी दल लाने गए।
जहां पहले पुष्पवाटिका में प्रवेश करने के लिए दोनों भाई ने मालिन से अनुमति मांगा। लेकिन राज दरबार के शख्त निर्देश पर मालिन ने वाटिका में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी। चुकी यह पुष्पवाटिका माता जानकी के लिए बनाया गया था। इसलिए इस पुष्पवाटिका में माता जानकी के अलावे सिर्फ उनकी सहेलियां ही प्रवेश करती थी। इसके बाद प्रभु श्रीराम दोनों भाई मालिन को अपना परिचय दिए और जनकपुरधाम आने का अपना उदेश्य बताया।
यह मान-मनौअल का सिलसिला काफी देर तक चला। काफी देर की मान-मनौअल के बाद आखिरकार मालिन ने प्रभु श्रीराम दोनों भाई को पुष्पवाटिका में प्रवेश करने की अनुमति दी। अनुमति मिलते ही प्रभु श्रीराम भ्राता लक्ष्मण के साथ पुष्पवाटिका में प्रवेश किए और गुरु पूजा के लिए फूल तोड़ने लगे। इस बीच माता जानकी गिरिजा पूजन के लिए फूल तोड़ने पुष्पवाटिका में पहुंची।
जहां दोनों का पहला मिलन हुआ। इस दृश्य को देखते पुष्पवाटिका के चारो तरफ खड़े श्रद्धालु श्रीसीताराम के जयकारे लगाने लगे। वहीं महंत रामरोशन दास सहित सभी श्रद्धालु एक स्वर में राम को देख कर श्री जनक नंदनी बाग में वो खड़ी की खड़ी रह गईं... राम देखे सिया और सिया राम को, चारो अंखिया लड़ी की लड़ी रह गई...गीत गाने लगे। प्रथम मिलन रस्म के उपरांत महंत ने बताया आज बारहबीघा मैदान में धनुषयज्ञ, रविवार को श्रीराम मंदिर में तिलकोत्सव, सोमवार को गंगासागर पोखर में मटकोर एवं मंगलवार को स्वयंवर व विवाह और बुधवार को रामकलेवा (विदाई) रस्म के साथ विवाहोत्सव का समापन होगा।
नेपाल मूल के बेटियों में उत्साह
भारतीय क्षेत्र में ब्याही गई नेपाल मूल की बेटियों में विवाह पंचमी को लेकर काफी उत्साह देखा जा रहा है। उन्हें विवाह उत्सव में शामिल होने के साथ ही मायका में अपने माता पिता व सगे संबंधियों के साथ रहने का मौका मिला है। सभी विवाह महामहोत्सव संपन्न होने के बाद ही वापस अपने ससुराल लौटेंगे।
जनकपुर धाम पहुंचने के बाद नेपाल की बेटियों में दोगुना उत्साह देखने को मिल रहा है। एक ओर जहां मायके आने की खुशी महसूस हो रही है, तो वहीं प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाहोत्सव में शामिल होने की खुशी चरम पर है।
विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए जानकी मंदिर से अयोध्या भेजा गया न्योता
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाहोत्सव में शामिल होने के लिए जानकी मंदिर से अयोध्या न्योता भेजा गया हैं। इस बार स्थानीय मेयर मनोज कुमार साह व नेपाल विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद साह के नेतृत्व में जानकी मंदिर की टीम अयोध्या गई है।
इससे पूर्व जानकी मंदिर के उत्तराधिकारी महंत रामरोशन दास वैष्णव ने माता जानकी के गर्वगृह में विधिवत पूजा किया। तदुपरांत अयोध्या के लिए तैयार टीम को शीशे में फ्रेमिंग किए आमंत्रणपत्र के साथ ग्यारह भार समर्पित किया। भार में फल व मिठाई शामिल थे। आमंत्रणपत्र व भार लेकर टीम जानकी मंदिर से अयोध्या के लिए प्रस्थान किया।
महंत ने बताया कि पौराणिक परंपरा के अनुसार इस बार भी अवध वालों को विवाह पंचमी में शामिल होने के लिए न्योता भेजा गया है। अयोध्या के विभिन्न मठ मंदिरों के साधु संत प्रतिवर्ष बाराती के रूप में विवाहोत्सव में शामिल होते हैं। इस वर्ष भी अयोध्या के कनक भवन, हनुमानगढ़ी, लक्ष्मण किला, छोटी छावनी व बड़ी छावनी के साधु संत तिलकोत्सव के दिन विवाहोत्सव में शामिल होंगे।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।