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सिद्धपीठ उच्चैठ : कालिदास को यहीं देवी दुर्गा ने दिया था ज्ञान

मिथिलांचल के सिद्ध शक्तिपीठों में उच्चैठ भगवती स्थान सबसे प्रमुख माना जाता है। यह माना जाता है कि यहां की दुर्गा ने ही कालिदास को कवित्व शक्ति प्रदान की थी।

By Pramod PandeyEdited By: Published: Sun, 09 Oct 2016 05:04 PM (IST)Updated: Sun, 09 Oct 2016 08:58 PM (IST)
सिद्धपीठ उच्चैठ : कालिदास को यहीं देवी दुर्गा ने दिया था ज्ञान

मधुबनी। मधुबनी जिला पौराणिक स्थानों के लिए विख्यात है। यहां शक्तिपीठों की भरमार है। जिसमें बेनीपट्टी प्रखंड के उच्चैठ स्थित दुर्गा भगवती प्रमुख हैं। जनश्रुति के मुताबिक मूढ़ कालिदास को देवी दुर्गा ने यहीं एक ही रात में प्रकांड विद्वान बन जाने का वरदान दिया था और उसी वरदान के फलस्वरूप कालिदास महाकवि कालिदास बन सके।

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मिथिलांचल का सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान शारदीय नवरात्र में शक्ति की उपासना के लिए श्रद्धालुओं के

लिए सदियों से आकर्षण का केंद्र है। यहां देवी दुर्गा का दर्शन-पूजन करने बिहार, नेपाल, बंगाल के अलावे देश के अन्य भागों से भी भक्तगण आते ही रहते हैं। खासकर शारदीय नवरात्र में मां की पूजा-अर्चना के लिए लाखों की संख्या में भक्तगण पहुंचते हैं।

अनुमंडल मुख्यालय बेनीपट्टी से महज पांच किलोमीटर की दूरी पर उच्चैठ गांव में भगवती स्थान है। थुम्हानी नदी के किनारे अवस्थित उच्चैठ गांव व उच्चैठ वासिनी दुर्गा मंदिर के बगल उतर-पूरब में सरोवर और उससे पूरब श्मशान है।

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बेजोड़ है मूर्ति की शिल्पकला

अतिप्राचीन दिव्य काले शिलाखंड से बनी देवी प्रतिमा चार भुजाओं वाली है। इनके बाएं दो हाथों में कमल फूल और गदा तथा उसके नीचे बजरंगबली की मूर्ति, दाहिने दोनो हाथों में चक्र और त्रिशूल एवं उसके नीचे काली की मूर्ति, उसके नीचे मछली की आकृति व बाएं पैर पर चक्र का चिह्न अंकित है। सिंह के ऊपर कमलासन में विराजमान हैं भगवती।

नवरात्र में शाम चार बजे तक होती है पूजा, फिर होता शृंगार

शारदीय नवरात्र में यहां मैया का अपराह्न 4 बजे तक पूजन का कार्यक्रम रहता है। उसके बाद भव्य शृंगार किया जाता है। श्रृंगार के समय वहां आसपास की ग्रामीण महिलाएं व पुरुष भगवतीपरक गीतों का गायन करती रहती हैं, जो यहां आनेवाले श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। आरती भी यहां लोगों को आकर्षित करती है। रात में होने वाली आरती में हजारों की संख्या में लोग सम्मिलित होते हैं। वह दृश्य मनोहारी होता है।

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शारदीय नवरात्र में सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान में श्रद्धालुओं के दर्शन को इतनी भीड़ लगती है कि इसके लिए स्थानीय प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है। कतारबद्ध दर्शन के लिए बांस-बल्ले की घेराबंदी से गुजरना पड़ता है।

भीड़ को देखते हुए शारदीय नवरात्रा में सिद्धपीठ उच्चैठ भगवती स्थान में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए उच्चैठ बैंक के बगल तथा मछली गेट से आगे व धनौजा के बगीचा में वाहन पार्किंग की की गई है। जबकि आधे दर्जन स्थानों पर ड्रापगेट बनाए गए हैं।

उच्चैठ देवी स्थान पहुंचना है आसान

मधुबनी के अनुमंडल मुख्यालय बेनीपट्टी से मंदिर पांच किमी की दूरी पर है। यहां तक हर समय आटो आदि उपलब्ध रहते हैं। निकटतम रेलवे स्टेशन भी मधुबनी ही है।


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