नारी सम्मान से ही समाज की गरिमा बरकरार
मधुबनी। शक्ति स्वरूपिणी दुर्गा काली सरस्वती लक्ष्मी की पूजा हमारी धार्मिक परंपरा रही है। ...और पढ़ें

मधुबनी। शक्ति स्वरूपिणी दुर्गा, काली, सरस्वती, लक्ष्मी की पूजा हमारी धार्मिक परंपरा रही है। समाज में महिलाओं को देवी का दर्जा दिया गया है। सामाजिक, राजनीतिक सहित अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी के सुखद परिणाम भी सामने आ रहे हैं। हरेक क्षेत्रों में महिलाओं की महती भूमिका को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। शहर हो या ग्रामीण क्षेत्र महिलाएं अब पुरुषों के कदम से कदम मिलाकर आगे बढ़ रही है। शिक्षा सहित कई क्षेत्रों में जिले की लड़कियां अपनी अलग पहचान कायम करने में आगे रही है। महिलाओं के अधिकार की रक्षा सहित उनके जीवन के विभिन्न पहलुओं पर गंभीर मंथन करना होगा।
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'महिलाओं को किसी भी क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए संघर्ष से घबराना नहीं चाहिए। कड़ी मेहनत के साथ आगे बढ़ते रहने से ही सफलता मिलती हैं। इमानदारी पूर्वक किए गए प्रयास का फल मीठा होता है। लक्ष्य की ओर आगे बढ़ते रहना चाहिए।'
- इंदिरा देवी, गृहिणी
'महिलाओं के सम्मान से ही समाज की गरिमा बढ़ेगी।'मां, बहन, बेटी के रूप में महिलाओं को अपनी बुद्धि व विवेक के साथ काम करने की स्वतंत्रता होना चाहिए। पुरुषों का मार्गदर्शन जरूरी है न कि दवाब का।' महिलाओं को प्रोत्साहन मिलना चाहिए।
- विभा सिंह, पूर्व मुखिया
'लड़कियों के लिए शिक्षा काफी मायने रखता है। शिक्षा के विकास से जनसंख्या नियोजन में भी बड़ी कामयाबी मिलेगी। पढ़ाई पूरी करने के बाद विवाह के लिए लड़कियों की उम्र सीमा में इजाफा पर गंभीरता से विचार किया जाना जरुरी हो गया है।'
- सरिता चौधरी, गृहिणी
'कम पढ़ी लिखी महिलाएं भी मिथिला पेटिग, सिलाई कटाई सहित अन्य माध्यम से कमाई कर रही है। लड़कियों को कॅरियर बनाने के लिए अवसर प्राप्त होगा। कैरियर के साथ बेहतर गृहस्थ का निर्माण से संतुलित परिवार की कल्पना साकार होगा।'
- प्रेम सुधा देवी, समाजसेविका

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