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विभाग ने मुखिया के स्पष्टीकरण पर एक माह में मांगी रिपोर्ट

मधुबनी। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (5) के तहत विभाग स्तर पर संचालित कार्यवाही के क्रम में मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर मंतव्य सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने ताजा फरमान जारी किया है।

By JagranEdited By: Published: Wed, 19 Feb 2020 11:07 PM (IST)Updated: Wed, 19 Feb 2020 11:07 PM (IST)
विभाग ने मुखिया के स्पष्टीकरण पर एक माह में मांगी रिपोर्ट
विभाग ने मुखिया के स्पष्टीकरण पर एक माह में मांगी रिपोर्ट

मधुबनी। बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (5) के तहत विभाग स्तर पर संचालित कार्यवाही के क्रम में मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर मंतव्य सहित रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए विभाग ने ताजा फरमान जारी किया है। अधिनियम के तहत संचालित कार्यवाही के दौरान मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर डीएम द्वारा मंतव्य के साथ रिपोर्ट भेजने में अनावश्यक लेटलतीफी के कारण विभाग ने अब समय निर्धारित कर दिया है। विभाग ने निर्णय लिया है कि संबंधित जिला पदाधिकारी अब मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर स्पष्टीकरण प्राप्त होने की तिथि से एक माह के अंदर विभाग को मंतव्य के साथ रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।

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इस बाबत डीएम को जारी पत्र में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने उल्लेख किया है कि मुखिया द्वारा अनियमितता के विरुद्ध, जिला पदाधिकारी द्वारा बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (5) के तहत कार्रवाई हेतु रिपोर्ट भेजा जाता है। इसके बाद विभाग स्तर पर समीक्षा के उपरांत सरकार से अनुमोदन के बाद कार्रवाई संचालित की जाती है। संचालित कार्यवाही के दौरान संबंधित मुखिया से स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाता है और स्पष्टीकरण की प्रति संबंधित डीएम को भेजते हुए स्पष्टीकरण में अंकित बिदुओं के आलोक में मंतव्य की मांग की जाती है। लेकिन, कई मामलों में डीएम को बार-बार पत्र, अनेकों अ‌र्द्धसरकारी पत्र दिए जाने के बाद भी मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर मंतव्य उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है। जिस कारण विभाग स्तर पर बिहार पंचायत राज अधिनियम 2006 की धारा 18 (5) के तहत कार्रवाई में व्यवधान उत्पन्न हो जाता है। कार्रवाई में अनावश्यक रुप से काफी विलंब हो जाता है। इससे वैधानिक प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लग जाता है। ऐसी स्थिति घोर निराशाजनक एवं चितनीय है। ऐसी स्थिति पर लोकायुक्त द्वारा पारित न्यायादेश में कड़ी आपत्ति भी व्यक्त की गई है। उक्त स्थिति के मद्देनजर ही विभाग ने निर्णय लिया है कि संबंधित जिला पदाधिकारी अब मुखिया से प्राप्त स्पष्टीकरण पर स्पष्टीकरण प्राप्त होने की तिथि से एक माह के अंदर विभाग को मंतव्य के साथ रिपोर्ट उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे।


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