Move to Jagran APP

डीएलएड कोर्स में संस्कृत छात्रों को भी शामिल किया जाए: डॉ. भारती मेहता

मधुबनी । बिहार के सभी प्रशिक्षण महाविद्यालयों में डीएलएड में नामांकन की प्रक्रिया 18 अगस्त से शुरू होगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 03 Aug 2021 11:59 PM (IST)Updated: Tue, 03 Aug 2021 11:59 PM (IST)
डीएलएड कोर्स में संस्कृत छात्रों को भी शामिल किया जाए: डॉ. भारती मेहता
डीएलएड कोर्स में संस्कृत छात्रों को भी शामिल किया जाए: डॉ. भारती मेहता

मधुबनी । बिहार के सभी प्रशिक्षण महाविद्यालयों में डीएलएड में नामांकन की प्रक्रिया 18 अगस्त से शुरू होगी। निदेशक, शोध एवं प्रशिक्षण ने सभी प्राचार्यों को 29 जुलाई को एक आदेश निर्गत कर डीएलएड कोर्स में नामांकन के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। जिसमें शास्त्री, पॉलिटेक्निक, आईटीआई योग्यताधारी को पात्र नहीं माना है। जिससे उपशास्त्री, शास्त्री उत्तीर्ण छात्रों में संस्कृत विषय के प्रति उदासीनता छा गई है। संस्कृत भारती बिहार प्रान्त के प्रान्त प्रचार प्रमुख डॉ. रामसेवक झा ने बताया कि सैकड़ों संस्कृत अभ्यार्थियों ने ज्ञापन सौंपकर संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री डॉ. रमेश कुमार झा से संस्कृत अभ्यर्थियों को न्याय दिलाने की मांग की है। इस सन्दर्भ में संस्कृति भारती बिहार के प्रतिनिधि मंडल ने बिहार संस्कृत शिक्षा बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता से मुलाकात कर वस्तुस्थिति से अवगत कराया। सोमवार को संस्कृत बोर्ड की अध्यक्ष डॉ. भारती मेहता ने इस संबंध में शिक्षा मंत्री से मुलाकात कर डीएलएड कोर्स में नामांकन के लिए संस्कृत छात्रों की समस्याओं से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा। शिक्षा मंत्री ने संस्कृत अध्ययनशील छात्रों के पक्ष में शीघ्र सकारात्मक परिणाम आने का आश्वासन डॉ. मेहता को दिए। डॉ. भारती मेहता ने बताया कि संस्कृत भाषा के विकास के लिए वर्तमान सरकार प्रतिबद्ध है। निदेशक एवं शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव से भी इस संबंध में चर्चा हुई है। अभ्यर्थियों को धैर्य रखना चाहिए। संचिका के अध्ययन के उपरांत जल्द ही शिक्षा मंत्री के स्तर से नया आदेश निर्गत होने की संभावना है। एक दर्जन से अधिक मंत्री, विधायक एवं कुलपति को सौंपा गया ज्ञापन :

loksabha election banner

संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री डॉ. रमेश कुमार झा ने बिहार के एक दर्जन से अधिक मंत्री, सांसद, विधायकों को ज्ञापन भेजकर संस्कृत अध्ययनशील छात्रों के लिए डीएलएड कोर्स में नामांकन के लिए उपशास्त्री योग्यताधारी अभ्यर्थियों को पात्र मानने की अनुशंसा की है। डॉ. झा ने बताया कि निदेशक ने जो आदेश निर्गत किया गया है वह अनुचित है। आदेश में शास्त्री शब्द की चर्चा की है। जो बीए के समकक्ष है। जबकि डीएलएड कोर्स के लिए इन्टर की योग्यता पूर्व से निर्धारित है। जो संस्कृत माध्यम में उपशास्त्री अथवा प्राक्शास्त्री के समकक्ष है।

वहीं सोमवार को गोविद कुमार झा, राघवनाथ झा सहित दर्जनों छात्रों ने कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपाकर शीघ्र समाधान का आग्रह किया। इधर जगदीश नारायण ब्रह्मचर्याश्रम आदर्श संस्कृत महाविद्यालय लगमा के प्राचार्य डॉ. सदानन्द झा ने छात्रों से प्राप्त आवेदन के आधार पर सरकार से उपशास्त्री योग्यताधारी अभ्यर्थियों को नामांकन की अनुमति देने की अनुशंसा की है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.