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    Madhubani News: लापरवाही पड़ गई भारी, एक मामले में थानाध्यक्ष पर हुआ एक्शन, कोर्ट ने वेतन रोकने का दिया आदेश

    Updated: Tue, 29 Oct 2024 11:47 AM (IST)

    लौकही थानाध्यक्ष रौशन कुमार को अदालत के आदेश की अवमानना के लिए वेतन भुगतान पर रोक लगा दी गई है। उन्हें झंझारपुर एडीजे 3 अदालत ने कांड दैनिकी जमा करने का आदेश दिया था लेकिन उन्होंने अनदेखा किया। यह मामला जयकृष्ण मंडल द्वारा दर्ज कराए गए जानलेवा हमले के आरोप से जुड़ा है। अदालत ने थानाध्यक्ष के वेतन पर रोक लगाने का आदेश दिया है।

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    प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर

    संवाद सहयोगी, झंझारपुर। कोर्ट के आदेश को नजर अंदाज करना लौकही थानाध्यक्ष रौशन कुमार को महंगा पड़ गया है। झंझारपुर एडीजे 3 घनश्याम सिंह की अदालत ने एक मामले में थानाध्यक्ष रौशन कुमार को कांड दैनिकी कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया गया था।

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    थानाध्यक्ष को कोर्ट के द्वारा कांड दैनिकी जमा करने का प्रथम आदेश 06/07/24, दूसरा आदेश कारणपृक्षा का 09/08/24 को दिया गया था, लेकिन थानाध्यक्ष ने कोर्ट के आदेश पर अमल नहीं किया।

    इसके बाद 28 अक्टूबर को अदालत ने कोर्ट के आदेश की अवमानना को लेकर थानाध्यक्ष रौशन कुमार के वेतन भुगतान पर अगले आदेश तक रोक लगाने का आदेश दिया है।

    ये है मामला

    दरअसल एक मामले में लौकही थाना क्षेत्र के ठाढी, चिचोढ़बा गांव निवासी जयकृष्ण मंडल के द्वारा अपने ही गांव के अजय कुमार मंडल, संजय कुमार मंडल एवं अन्य को अभियुक्त बनाते हुए संतलाल चौक पर अपने ऊपर जानलेवा हमला करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज किया गया था।

    ऑनलाइन उपस्थिति में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी, नहीं मिल सकेगा सही वेतन

    उधर, दीपावली व छठ पर्व में शिक्षकों को सहीं तरीके से वेतन नहीं मिल सकेगा। आनलाइन अटेंडेंस के आधार पर पहली बार वेतन भुगतान दिया जा रहा है। जबकि ई शिक्षा कोष एप में कई गड़बड़ियां हैं। महिला शिक्षक को प्रत्येक महीने दो दिनों का एसएल (विशेषावकाश ) मिलता है।

    ई शिक्षा कोष पोर्टल एक दिन का एसएल चढ़ता है और दूसरे दिन अनुपस्थित हो जाता है। उक्त बातें परिवर्तनकारी प्रारंभिक शिक्षक संघ के तिरहुत प्रमंडलीय प्रभारी लखन लाल निषाद ने कहीं।

    उन्होंने कहा कि उपस्थिति पंजी के आधार पर शिक्षकों का एडवाइस बनाकर जिला में भेजा गया है। लेकिन उसके आधार पर वेतन भुगतान नहीं किया गया। ई शिक्षा कोष की उपस्थिति के आधार पर वेतन भुगतान किया जा रहा है।

    उन्होंने कहा कि शिक्षक उपस्थित बनाते हैं, स्वत गायब हो जाता है, लेकिन विभाग इसको दुरुस्त करने के बजाय शिक्षकों को परेशान कर रहे है। ई शिक्षाकोष से शिक्षकों का उपस्थित बनाना शिक्षकों को परेशान करने की साजिश है। विभाग का यह निर्णय सरासर गलत है।

    शिक्षकों का ये है आरोप 

    शिक्षा विभाग और बिहार सरकार चाहती है की शिक्षक ई शिक्षाकोष में उलझे रहे और बिहार के बच्चों का पठन-पाठन ना हो। पहले अपने इस ऐप को दुरुस्त कर ले सरकार और विभाग। फिर शिक्षकों पर लागू करें। वर्तमान स्थिति में शिक्षक उपस्थिति पंजी और ई शिक्षाकोष में उपस्थित पर खामियों का अंबार है।

    वर्तमान समय में जितने शिक्षकों का वेतन ई शिक्षाकोष के आधार पर दिया जा रहा है उसमें औसतन 50 विद्यालय पर 30 शिक्षक इससे प्रभावित हो रहे हैं।

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