स्वतंत्रता सेनानियों की पीढ़ी की खुली राह
साल भर से चली आ रही स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ी की समस्याओं का अब अंत हो गया है। दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ लेते हुए राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्त होने की राह इनके लिए अब खुल गई है।
मधुबनी। साल भर से चली आ रही स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ी की समस्याओं का अब अंत हो गया है। दो प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ लेते हुए राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्त होने की राह इनके लिए अब खुल गई है। स्वतंत्रता सेनानियों के पोता-पोती व नाती-नतीनी का प्रमाण प्रत्र निर्गत करने की प्रक्रिया साल भर बाद सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा निर्धारित कर दी गई है। प्रमाण पत्र निर्गत करने के लिए जिला पदाधिकारी को अधिकृत कर दिया गया है। जबकि समाहरणालय स्तर पर डीएम द्वारा मनोनीत अपर समाहर्ता स्तर के पदाधिकारी इस प्रमाण पत्र को निर्गत करने हेतु सक्षम प्राधिकार बनाए गए हैं। आवेदन का प्रारूप व निर्गत किए जाने वाले प्रमाण पत्र का प्रारूप भी सामान्य प्रशासन विभाग ने जार कर दिया है।
साल भर से चली आ रही थी समस्या :
सामान्य प्रशासन विभाग के संकल्प ज्ञापांक-13185 दिनांक 03.09.2015 द्वारा बिहार राज्य के वैसे स्वतंत्रता सेनानियों, जिन्हें केन्द्र सरकार द्वारा पेंशन स्वीकृत है, के पोता-पोती व नाती-नतीनी को राज्य सरकार की सेवाओं में नियुक्ति हेतु 02 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। लेकिन किस सक्षम प्राधिकार से निर्गत स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी होने का प्रमाण पत्र मान्य होगा, इस संबंध में कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया गया था। जिस कारण साल भर से इस मामले में उहापोह की स्थिति बनी हुई थी। स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी प्रमाण पत्र निर्गत कराने के लिए विभिन्न स्तर के कार्यालय दर कार्यालय का चक्कर लगा रहे थे, लेकिन दिशा-निर्देश के अभाव में किसी भी स्तर के पदाधिकारी प्रमाण पत्र निर्गत करने को तैयार नहीं हो रहे थे। लेकिन अब इस मामले का पटाक्षेप हो गया है।
इस तरह निर्गत किया जाएगा प्रमाण पत्र :
स्वतंत्रता सेनानियों एवं उनके दो पीढि़यों यथा- पति अथवा पत्नी, पुत्र अथवा पुत्री, पोता अथवा पोती तथा नाती अथवा नतीनी को परिचय पत्र निर्गत करने हेतु जुलाई 2007 में ही निर्देश जारी किया जा चुका है। फिर भी अगर किसी स्वतंत्रता सेनानियों के पोता-पोती व नाती-नतीनी को परिचय पत्र उपलब्ध नहीं हो तो सबसे पहले उन्हें वांछित परिचय पत्र विहित प्रक्रिया से प्राप्त करना होगा। इसके बाद इस परिचय पत्र के आधार पर राज्य सरकार की सेवाओं में 02 फीसद क्षैतिज आरक्षण का लाभ प्राप्त करने हेतु स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी होने का प्रमाण पत्र प्राप्त करने हेतु विहित प्रपत्र में आवेदन करना होगा, जिसके आधार पर डीएम अथवा उनके द्वारा मनोनीत पदाधिकारी विहित प्रपत्र में वांछित प्रमाण पत्र निर्गत करेंगे। यदि स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी के पास पूर्व से उत्तराधिकारी होने का परिचय पत्र उपलब्ध हो तो इसी परिचय पत्र के आधार पर सीधे डीएम के समक्ष आवेदन कर सकेंगे। स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी को निर्गत किए जाने वाले प्रमाण में स्वतंत्रता सेनानी का पेंशन भुगतान आदेश अर्थात पीपीओ क्रमांक एवं स्वतंत्रता सेनानी के पोता-पोती व नाती-नतीनी को निर्गत परिचय पत्र का क्रमांक भी अनिवार्य रुप से अंकित करना होगा ताकि इस प्रावधान का दुरुपयोग नहीं हो सके। इस संबंध में सरकार के अपर सचिव (सामान्य प्रशासन विभाग) राजेन्द्र राम ने मधुबनी समेत सूबे के सभी जिलों के डीएम को पत्र जारी कर दिया है। इसी के साथ स्वतंत्रता सेनानियों
के पोता-पोती व नाती-नतीनी की समस्याओं का अंत हो गया है।
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