Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Madhubani News: नामांकन 6 हजार लेकिन पढ़ने आते हैं सिर्फ 60 छात्र, प्रैक्टिकल के लिए दूसरे कॉलेज से आते हैं प्रोफेसर

    मधुबनी जिले के जयनगर स्थित डीबी कॉलेज में शिक्षा की स्थिति दयनीय है। कॉलेज में छह हजार नामांकित छात्रों के लिए केवल 26 शिक्षक हैं। क्लासरूम की भी कमी है। मुख्यमंत्री की भवन निर्माण की घोषणा अभी तक पूरी नहीं हुई है। गृह विज्ञान के पद सृजन की मांग लंबित है।

    By Braj Mohan Mishra Edited By: Nishant Bharti Updated: Sat, 23 Aug 2025 05:39 PM (IST)
    Hero Image
    कागज पर छह हजार छात्र, नियमित आते महज साठ

    संवाद सहयोगी, जयनगर(मधुबनी)। सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में चाहे जो दावे किए हो मगर जिले के उच्च शिक्षा की स्थिति दयनीय है। अंगीभूत कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं का घोर अभाव है। मधुबनी के जयनगर अनुमंडल मुख्यालय के दुल्लीपट्टी स्थित मिथिला विश्वविद्यालय के अंगीभूत डीबी कॉलेज में कागज पर नामांकित छात्र-छात्राओं की संख्या छह हजार है। मगर पढ़ने के लिए 60 छात्र नियमित आ रहे हैं और न उन्हें बैठाकर पढ़ाने के लिए कॉलेज के पास सही सलामत छह क्लासरूम हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    जिस गृह विज्ञान विषय के शिक्षक का कॉलेज में पद भी सृजित नहीं वहां दो सौ छात्राओं का नामांकन उस विषय में है। 18 विषयों को पढ़ाने के लिए 26 शिक्षक हैं। वर्ष 2021 में जयनगर कमला बाराज निर्माण को लेकर कॉलेज परिसर में आयोजित कार्यक्रम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कॉलेज की दशा को देखते हुए कॉलेज का दो मंजिला भवन निर्माण की घोषणा की थी। 33 करोड़ की लागत से दो मंजिला कॉलेज भवन का निर्माण आज तक शुरू नहीं हुआ है।

    कॉलेज के पास सही भवन तक नहीं है। गृह विज्ञान पद के लिए पद को सृजित करने की मांग लंबे समय से है। लेकिन अब तक इस पद को सृजित नहीं किया गया। जिस कारण गृह विज्ञान के विषय के लिए कॉलेज प्रशासन द्वारा दूसरी जगहों से प्रोफेसर को मंगाया जाता है। कॉलेज प्राचार्य के अनुसार कॉलेज में करीब छह हजार छात्र-छात्राएं नामांकित हैं।

    18 विषयों को पढ़ाने के लिए मात्र 26 शिक्षक हैं। जबकि सृजित पद इससे काफी ज्यादा हैं। नई शिक्षा नीति के तहत भाषा में हिंदी, अंग्रेजी, उर्दू, संस्कृत और मैथिली के शिक्षक हैं और पढ़ाई कराई जाती है। संस्कृत और उर्दू भाषा को कम छात्र पसंद करते हैं। उस विषय में नामांकन बहुत कम है।

    कॉलेज भवन क्षतिग्रस्त होने के कारण यहां पढ़ने वाले छात्रों की संख्या में भारी गिरावट है। हालांकि भवन निर्माण को लेकर टेंडर किया जा चुका है। जयनगर डीबी कॉलेज से एमए, बीएड, लाइब्रेरी साइंस, नालंदा विश्वविद्यालय के अंगीभूत इकाई डिस्टेंस सेंटर एवं इग्नू स्टेडी सेंटर स्थापित करने की मांग है।

    क्या कहते हैं प्राचार्य

    कॉलेज प्राचार्य डॉ. धर्मराज राम ने बताया कि कुछ दिन पूर्व ही योगदान दिया है। व्यवस्था को व्यवस्थित करने का प्रयास किया जा रहा है। गृह विज्ञान का पद सृजित नहीं होने से प्रैक्टिकल के लिए दूसरे कॉलेज से प्रोफेसर को कापी जांच के मंगाया जाता है। भवन की समस्या बनी हुई है।