महादेव मठ गांव में लोगों को शुद्ध पेयजल भी नसीब नहीं
मधुबनी। मै हूं। महादेव मठ गांव। कोसी के गर्भ में बसा पौराणिक गांव। स्वतंत्रता के बाद सरकार द्वारा कोसी से सुरक्षा के लिए दोनों तरफ तटबंध बनाए गए।
मधुबनी। मै हूं। महादेव मठ गांव। कोसी के गर्भ में बसा पौराणिक गांव। स्वतंत्रता के बाद सरकार द्वारा कोसी से सुरक्षा के लिए दोनों तरफ तटबंध बनाए गए। उस तटबंध से घेरा बना कर मुझे सुरक्षित किया। आज भी कुछ टोला कोसी के गर्भ में ही बसा हुआ है। छह वार्ड के मेरे गांव में लगभग तीन हजार मतदाता हैं। पांच मंदिरों के मेरे इस गांव में एक मध्य विद्यालय, एक कन्या विद्यालय है। वहीं अल्पसंख्यकों के लिए भी एक लिए विद्यालय है। अंधरामठ थाना मेरे ही गांव में अवस्थित है। यहां बहुत पुराना राजकीय चिकित्सालय है। वर्तमान समय मे इसे पीएचसी का दर्ज प्राप्त है। मगर, यह एक आयुष चिकित्सक के सहारे चल रहा है। मेरे गांव मे जल निकासी की सुविधा नहीं रहने से खासकर बरसात एवं बाढ़ के मौसम में लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है। चूंकि, रोड के बगल मे नाला नहीं है। बांध से घिरे रहने के कारण यहां जलजमाव एक बड़ी समस्या बन जाती है। कोसी नदी से प्रभावित मेरे पुत्र-पुत्रियों को स्वच्छ पेयजल नसीब नहीं है। जल नल योजना से शुद्ध पेयजल अब तक लोगों को उपलब्ध नहीं हो सका है। फलस्वरूप यहां के लोग जलजनित बीमारी से परेशान रहते हैं। यहां पशु चिकित्सालय का पहले केन्द्र था। लेकिन, अब वह भी नहीं है। इससे पशुओें के इलाज की बड़ी समस्या हो गई है। पहले की अपेक्षा पशु की संख्या भी काफी कमी हो गई है। प्रसिद्ध महादेव मठ पूजा केंद्र मेरा गांव की पहचान महादेव मठ से है। इसकी भी पौराणिक कहानी है। कहा जाता है कि यहां पहले घना जंगल था। यहां चारा चरने के समय एक गाय प्रतिदिन एक नियत स्थल पर दूध बहा देती थी। चरवाहा ने गाय को यह करते देखा। वह साथियों से इसकी चर्चा की। सभी चरवाहे मिलकर उस स्थल पर खोदाई की। जहां से एक शिवलिग मिला। चरवाहे जितनी अधिक मिट्टी खोदते शिवलिग उतना ही मोटा होता जाता था। इसके बाद लोगों ने वहां पूजा-अर्चना शुरू कर दी। उसी महादेव के नाम पर मेरा नाम महादेव मठ पड़ा। मेरे शिवोत्तर के पोखर से भगवान शिव एवं मां पावर्ती की अद्भुत कीमती चित्रकला की कीमती प्रतिमा मिली। पुलिस की सुरक्षा में वह मंदिर में स्थापित है। मेरा गांव इस क्षेत्र का एक तीर्थस्थल के रूप मे माना जाता है। यहां शिवरात्री पर्व श्रद्धा और विश्वास के रूप में प्रतिवर्ष मनाया जाता है। मुख्यमंत्री से लेकर देश के कई वरीय नेतागण यहां आ चुके हैं। आंकड़ा - वार्ड- 6 - कुल मतदाता : 2976 - कुल जनसंख्या : 9000 - विद्यालय : तीन - आंगनबाड़ी केंद्र : चार क्या कहते हैं लोग :::: चिकित्सालय को सरकार द्वारा पीएचसी का दर्जा दिया गया। मगर, चिकित्सा का घोर अभाव है। अशोक पंडित, ग्रामीण 22 एमडीबी 5 मेरे यहां विकास के नाम पर जो भी सरकारी राशि मिली है उसके सदपयोग पर प्रश्न चिन्ह है। अशोक सिंह, पूर्व मुखिया 22 एमडीबी 4 मेरे कार्यकाल मे सात ग्रामीण सड़क बायी गई। नल-जल योजना का तीन वार्ड में कार्य चल रहा है। विकास जन-जन तक पहुंचाने के लिए संकल्पित हूं।
- बचनी देवी, पंचायत मुखिया
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