फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन
मधुबनी। जिला उर्दू कोषांग के ततवावधान में स्थानीय टाउन हॉल में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन हुआ।
मधुबनी। जिला उर्दू कोषांग के ततवावधान में स्थानीय टाउन हॉल में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार एवं मुशायरा का आयोजन हुआ। उद्घाटन अपर समाहर्ता दुर्गानंद झा ने किया। इस अवसर पर अल किताव पब्लिक स्कूल की छात्राओं द्वारा अल्लामा इकवाल का यह नगमा पेश किया गया। ''चिश्ती ने जिस जमीं पर पैगामे हक सुनाया, नानक ने जिस चमन में वहदत का गीत गाया'' मेरा वतन वही है, मेरा वतन वही है'....इस गीत के बाद राष्ट्रीय स्तर पर इनाम पाने वाले उर्दू स्कॉलर्स-सदरे आलम गौहर, अवरार अहमद इजरावी एवं मो. हुसैन साहेब को मोमेंटो एवं शाल भेंट कर सम्मानित किया गया। इसके बाद सेवानिवृत उर्दू कर्मियों कृष्ण कुमार ठाकुर, विनोद कुमार दास, मो. वसीउल्लाह को उपहार के साथ विदाई दी गई। स्थापना उप समाहर्ता ने स्वागत भाषण में उर्दू भाषा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक मीठी जुबान है। अपनी उत्पत्ति से लेकर आज तक भारत की सभ्यता एवं संस्कृति को प्रभावित कर रही है। भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को सजाने-संवारने में इस भाषा ने काफी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
एसडीओ सदर सुनील कुमार सिंह ने कहा कि सभी तरह के सरकारी कार्यक्रमों, योजनाओं एवं प्रयोजनों में उर्दू का भरपूर प्रयोग किया जाय। ताकि, उर्दू आबादी भी सरकारी की नीतियों एवं योजनाओं से वाकिफ हो सकें। इसके लिए उर्दू कर्मियों के साथ-साथ सभी को आगे आना होगा। अपर समाहर्ता ने उर्दू भाषा के महत्व और राष्ट्र निर्माण में इसके योगदान पर प्रकाश डाला गया। अपेक्षा की गई कि सरकारी कामों में उर्दू का भरपूर उपयोग किया जाय। सरकार और प्रशासन उर्दू भाषा के फरोग के लिए कृत संकल्प है। कार्यक्रम को जिला शिक्षा पदाधिकारी नसीम अहमद द्वारा भी संबोधित किया गया। कार्यक्रम के दौरान मुशायरा का भी आयोजन किया गया। मुशायरा में सदरे आलम गौहर, जुनैद आलम आरवी, सुल्तान शम्सी, मकसूद आलम रिफत, आसिफ हिन्दुस्तानी, सरवर पण्डौलवी आदि ने अपना कलाम पेश किया। इस फरोग उर्दू सेमिनार में भारी संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम में प्रभारी पदाधिकारी, उर्दू भाषा कोषांग बुद्धप्रकाश, डीटीओ सुशील कुमार, डीआरडीए निदेशक किशोर कुमार समेत अन्य पदाधिकारीगण एवं उर्दू भाषा के विद्वतगण उपस्थित थे।