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    एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत मधुबनी के नौ स्टेशन चयनित

    By JagranEdited By:
    Updated: Wed, 29 Jun 2022 11:36 PM (IST)

    मधुबनी । जिले के नौ रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पाद उपलब्ध होंगे। ट्रेन से यात्रा करने वाले एवं आसपास के लोग वहां से आसानी से इन उत्पादों को खरीद सक ...और पढ़ें

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    एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत मधुबनी के नौ स्टेशन चयनित

    मधुबनी । जिले के नौ रेलवे स्टेशनों पर स्थानीय उत्पाद उपलब्ध होंगे। ट्रेन से यात्रा करने वाले एवं आसपास के लोग वहां से आसानी से इन उत्पादों को खरीद सकेंगे। समस्तीपुर रेल मंडल के अधीन चयनित 103 स्टेशनों में मधुबनी जिले के नौ स्टेशनों को शामिल किया गया है। केंद्र सरकार की वोकल फार लोकल के तहत एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत ये स्टेशन चिह्नित किए गए हैं। इस योजना से ना केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि स्थानीय कलाकारों को भी इसका लाभ मिलेगा। इससे रेलवे का राजस्व भी बढ़ेगा। एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत जिले के कुल नौ स्टेशन सकरी, पंडौल, मधुबनी, राजनगर, खजौली, जयनगर, लोहना रोड, झंझारपुर व घोघरडीहा का चयन किया गया है। इन सभी स्टेशनों पर चयनित उत्पादों के लिए बिक्री के लिए स्टाल लगाने की सुविधा होगी। ----------------- घोघरडीहा स्टेशन पर मखाना व केला चिप्स स्टाल : पंडौल स्टेशन पर स्थानीय स्थानीय स्तर पर उत्पादित कृषि उपकरण, सकरी स्टेशन पर बांस से तैयार वस्तुओं का स्टाल लगेगा। मधुबनी व जयनगर स्टेशन पर मिथिला पेंटिग, राजनगर स्टेशन पर लाह चूड़ी, खजौली स्टेशन पर मिट्टी बर्तन, लोहना रोड स्टेशन पर सिक्की कला, झंझारपुर स्टेशन पर झाड़ू व घोघरडीहा स्टेशन का मखाना तथा केला चिप्स के स्टाल के लिए चयन किया गया है। --------------- रेलवे ने जारी किया हेल्पलाइन नंबर : इन चयनित स्टेशनों पर एक स्टाल के लिए एक हजार रुपये पंजीयन शुल्क पर 15 दिनों के लिए जगह उपलब्ध कराया जाएगा। उपलब्ध जगह पर इन वस्तुओं की बिक्री के लिए स्टाल लगाया जा सकता है। स्टाल पर दो सेल्समेन रखने की अनुमति होगी। स्टाल लगाने के लिए रेलवे के हेल्पलाइन नंबर 8102918776 पर संपर्क किया जा सकता है। इसके लिए स्टेशन अधीक्षक, स्टेशन मास्टर से भी संपर्क किया जा सकता है। विकास आयुक्त हस्तशिल्प, हथकरघा या अन्य केंद्र व राज्य सरकार द्वारा जारी पहचान पत्र रहने पर योजना का लाभ उठाया जा सकता है।

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    ----------------- जिले में मिथिला पेंटिग के करीब 70 हजार कलाकार : जितवारपुर, रांटी सहित जिलेभर में मिथिला पेंटिग कलाकारों की संख्या करीब 70 हजार है। जिसमें हस्तशिल्प विकास कार्यालय के तहत करीब 66 हजार कलाकार पंजीकृत हैं। वहीं, जिले के झंझारपुर के रैयाम, लखनौर प्रखंड के उमरी, पंडौल, रहिका सहित अन्य हिस्सों में सिक्की कलाकारों की संख्या पांच हजार से अधिक है। इन कलाकारों को स्टेशन पर स्टाल की सुविधा मिल सकती है। ------------------- 'रेलवे द्वारा स्टेशन पर मिथिला पेंटिग बिक्री के लिए स्टाल की सुविधा से देशभर से मधुबनी, जयनगर पहुंचने वालों को स्टेशन पर सहज ढंग से मिथिला पेंटिग उपलब्ध होगा। इसके कलाकारों को आमदनी बढ़ने के साथ उनकी एक अलग पहचान बनेगी। जिले के अन्य स्टेशनों के लिए सिक्की कला सहित अन्य उत्पादनों के लिए स्टाल की सुविधा देने से कलाकारों व उत्पादकों की आमदनी बढ़ेगी।' - दुलारी देवी, मिथिला पेटिग के लिए पद्मश्री सम्मान से सम्मानित 'रेल विभाग द्वारा हस्तशिल्प व स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने के लिए एक स्टेशन एक उत्पाद योजना स्थानीय कलाकारों व उत्पादकों के लिए काफी लाभदायक होगा। इससे मिथिला पेटिग, सिक्की कला व अन्य उत्पादनों की बिक्री बढ़ेगी। स्टेशन पर स्टाल के लिए हस्तशिल्प विकास कार्यालय द्वारा पंजीकृत कलाकारों को विभागीय स्तर पर मदद की जाएगी।' - बीके झा, सहायक निदेशक, हस्तशिल्प विकास कार्यालय, मधुबनी