मधवापुर में सूख रहे चापाकल, पानी के लिए मारामारी
मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। चापाकल पानी देना छोड़ दिया है।
मधुबनी। मधवापुर प्रखंड क्षेत्र में पेयजल संकट गहराता जा रहा है। चापाकल पानी देना छोड़ दिया है। जिस कारण लोगों के बीच पानी के लिए हाहाकार मच गया है। तापमान बढ़ने से सार्वजनिक स्थलों एवं लोगों के निजी चापाकल सूख जाने से जल संकट उत्पन्न हो गया है। चापाकल से लगे बिजली मोटर के सहारे भी अब जलापूर्ति मुश्किल होने लगी है। कई ताल तलैये सूख गये है, तो कई सुखने के कगार पर है। सदानीरा रहने वाली धौंस, जमुनी एवं मरहा नदियों की धारा भी प्रखंड क्षेत्र में कई जगह सूखने लगी है। जिससे लोग काफी परेशान है। मधवापुर लोग नेपाल स्थित नर्सिंग मंदिर एवं नर्मदेश्वर नाथ महादेव मंदिर स्थलों पर चल रहे चापाकल से पानी लाते है। वहीं पीएचडी विभाग के द्वारा सार्वजनिक स्थलों विभिन्न विद्यालयों में गाड़े गए चापाकल सूख जाने से बच्चे पानी पीने के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं। ताल तलैये व नदी की धारा के सूख जाने के कारण पशुपालकों की भी परेशानी बढ़ गई है। चिलचिलाती धूप में उन्हें भैंस धोने के लिए दूर दराज जाकर पानी तलाशनी पड़ती है। पशुपालक गाय, भैंस, बैल को नहलाने के लिए इन दिनों चापाकल एवं कुएं आदि का सहारा ले रहे है। स्थानीय पंसस पति चेतन रश्मि, संजीव कुमार साह, डॉ. रामबिहारी पूर्वे ने बताया कि सुबह होते ही चापाकल से पानी गायब हो जाता है। फिर शाम के बाद कफी हैंडल चलाने के बाद थोड़ा-थोड़ा पानी आता है। लोग रात में जगकर पानी स्टॉक करते है। लोगों ने कहा कि करोड़ों की लागत से प्रखंड परिसर में बनकर तैयार जलमीनार को अगर चालू कर दे तो पानी की इस संकट से निजात मिल सकता है। पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता मुकेश कुमार ने बताया कि मधवापुर के जलमीनार का ट्यूबेल फेल कर गया है। जल आपूर्ति योजना के तहत नए बोरिग के लिए स्टीमेट बनाकर भेजा गया था। जिसकी स्वीकृति भी मिल गयी हैं। जल्द ही लोगों को पानी की समस्या से निजात दिलाया जाएगा।
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