मटिहानी में मां जानकी का मटकोर
मधुबनी। राम-जानकी विवाहोत्सव को लेकर नेपाल के लक्ष्मी नारायण मठ मटिहानी में जगत जननी मां जानकी के मटकोर की रस्म मैथिल परंपरा के तहत गुरुवार की रात धूमधाम से हुई।
मधुबनी। राम-जानकी विवाहोत्सव को लेकर नेपाल के लक्ष्मी नारायण मठ मटिहानी में जगत जननी मां जानकी के मटकोर की रस्म मैथिल परंपरा के तहत गुरुवार की रात धूमधाम से हुई। इस अवसर पर जनकपुर धाम से मां किशोरी जी की डोली के साथ साधु संतों का जत्था कीर्तन-भजन गाते हुए जय श्री सीताराम का जयकारा लगाते हुए लक्ष्मी नारायण मठ मटिहानी पहुंचा। मठ के मान महंत जग्रनाथ दास शास्त्री की अगुआई में साधु संत व नागरिक समाज के लोगों ने मां किशोरी जी की डोली की विधिवत पूजा अर्चना की। वहीं माला पहनाकर भव्य स्वागत किया। तत्पश्चात रात्रि करीब आठ बजे मान महंत की अगुआई में साधु संत व सीमावर्ती क्षेत्र नेपाल-भारत के ग्रामीणों की उपस्थिति में कीर्तन मंडली के द्वारा भगवान सीताराम की विवाह झांकी की गई। इसके बाद मिथिलानी महिलाओं के द्वारा विवाह गीतों के बीच मां सीता के मटकोर की रस्म की। मिथिला की परंपरागत के अनुसार मठ परिसर स्थित लक्ष्मी सागर तालाब में मिट्टी खोद कर इस रस्म को संपन्न किया गया।
मालूम हो कि यह मिट्टी मां जानकी के जनकपुर मड़वा में विधिवत लगाई जाती है। सदियों पूर्व राम-जानकी विवाह से पूर्व मटकोर की रस्म की गई थी। तब से लेकर आज तक विवाह पंचमी पर यह कार्यक्रम होता चला आ रहा है। मठ के मान महंत जगन्नाथ दास वैष्णव ने बताया कि तुलसी कृत रामायण में वर्णित त्रेता युग में घटित घटना पर आधारित जगत जननी मां जानकी के विवाह से पहले मिथिला की परंपरा के अनुसार मां जानकी जी का मटकोर मटिहानी स्थित लक्ष्मी नारायण मठ परिसर स्थित लक्ष्मी सागर तालाब में किया गया था। उस समय से ही प्रतिवर्ष विवाह पंचमी के अवसर पर मटकोर की रस्म मटिहानी में करने का रिवाज है। इसको लेकर मटिहानी मठ को दुल्हन की तरह सजाया गया था। इसकी तैयारी में मटिहानी मठ के मान महंत जग्रनाथ दास शास्त्री, छोटा महंत डॉ रविन्द्र दास वैष्णव, मटिहानी नगर पालिका के मेयर हरी प्रसाद मंडल साधु विनोद दास समेत बड़ी संख्या में सीमावर्ती क्षेत्र के नर नारियां शामिल थी।
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