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    मधवापुर में हाथी, घोड़ा व गाजे-बाजे के संग निकाली मां जानकी की डोली यात्रा

    By JagranEdited By:
    Updated: Tue, 27 Oct 2020 11:34 PM (IST)

    मधुबनी। शारदीय नवरात्रा के विजया दसमी को लक्ष्मीनारायण मठ मटिहानी से हाथी घोड़ा व गाजे-बाजे के संग मां जानकी व लक्ष्मीनारायण भगवान की डोली यात्रा निकाली गई।

    मधवापुर में हाथी, घोड़ा व गाजे-बाजे के संग निकाली मां जानकी की डोली यात्रा

    मधुबनी। शारदीय नवरात्रा के विजया दसमी को लक्ष्मीनारायण मठ मटिहानी से हाथी, घोड़ा व गाजे-बाजे के संग मां जानकी व लक्ष्मीनारायण भगवान की डोली यात्रा निकाली गई। मठाधीश जग्रनाथ दास वैष्णव के अगुआई में साधु संतों के संग गृहस्थाश्रम के भक्तजनों ने नगर परिक्रमा कर भगवान की पूजा अर्चना की। इस पावन मौके पर भारत-नेपाल के सीमावर्ती क्षेत्र में भगवान के दर्शन व पूजन के लिए लोग बेताब दिखे। मधवापुर में भगवान की डोली आते ही लोगों सड़क किनारे खड़े श्रद्धालु भक्तजनों ने जगह-जगह भगवान की डोली की पुष्प व नैवेद्य लेकर मां जानकी व लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा अर्चना की। इस दौरान साधु संतों जय श्री सीताराम के जयघोष से माहौल सीतारामनाम मय हो गया। विदित हो कि प्रतिवर्ष शारदीय नवरात्रा के विजयी दसमी तिथि को पड़ोसी राष्ट्र नेपाल के मटिहानी स्थित लक्ष्मीनारायण मठ मटिहानी के महंत जग्रनाथ दास वैष्णव के अगुआई में मटिहानी मठ से साधु संतों के संग नेपाली प्रशासनिक अधिकारी व गृहस्थाश्रम के भक्तजन हाथी, घोड़ा व गाजे-बाजे के संग मां जानकी व लक्ष्मी नारायण भगवान की डोली यात्रा निकाली जाती है। जो मटिहानी मठ से प्रारंभ हो विभिन्न धार्मिक स्थलों से गुजरते हुए मधवापुर की नगर परिक्रमा कर डोली नेपाल के परिक्रमा गाछी स्थित राघो बाबा मंदिर पहुंच मां जानकी व लक्ष्मी नारायण भगवान की पूजा अर्चना कर पुन: डोली यात्रा मटिहानी मठ पहुंच समाप्त हो जाती है। मौके पर मटिहानी नगरपालिका के मेयर हरी प्रसाद मंडल के साथ नेपाल प्रशासन के लोग व बड़ी संख्या में साधु संत व सीमावर्ती क्षेत्र के श्रद्धालु भक्त जन मौजूद थे।

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