मिथिला कला उत्सव उत्सव में जुटेंगे 150 से अधिक कलाकार, मधुबनी में खास तैयारी
मधुबनी में मिथिला कला उत्सव की तैयारी चल रही है, जिसमें 150 से अधिक कलाकार भाग लेंगे। यह उत्सव मिथिला कला की समृद्धि को प्रदर्शित करेगा, जिसमें देश भर से कलाकार आकर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। मधुबनी में इसके लिए विशेष इंतजाम किए जा रहे हैं।

मधुबनी जिले में कार्यक्रम को लेकर चल रही तैयारी।
जागरण संवाददाता,मधुबनी । संस्कार भारती, उत्तर बिहार प्रांत द्वारा इस वर्ष मिथिला कला उत्सव 2025 का भव्य आयोजन मधुबनी में होने जा रहा है। यह उत्सव आगामी 14 दिसंबर 2025 को रीजनल सेकेंडरी स्कूल, परिसर में संपन्न होगा।
कार्यक्रम से संबंधित जानकारी प्रांतीय महामंत्री सुरभित दत्त ने दी है। इस वर्ष उत्सव का मुख्य विषय कुटुंब प्रबोधन समृद्ध राष्ट्रक आधार अपन संयुक्त परिवार निर्धारित किया गया है। संस्था का मानना है कि आधुनिक समय में संयुक्त परिवार की अवधारणा, सामाजिक सामंजस्य और पारिवारिक संस्कारों के पुनर्जीवन के लिए यह विषय अत्यंत प्रासंगिक है।
सुरभित दत्त ने बताया कि संस्कार भारती द्वारा पूर्व में क्रांति तीर्थ और पूर्णिया में मिथिला कला उत्सव के प्रथम संस्करणों का सफल आयोजन किया जा चुका है। इन आयोजनों ने पारंपरिक कला और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दिलाई। इसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बार मधुबनी को आयोजन स्थल चुना गया है जो स्वयं मिथिला पेंटिंग, लोक-संस्कृति, संगीत और शिल्पकला की संवाहक भूमि है।
उत्सव में 150 से अधिक कला साधकों के जुटने की संभावना जताई गई है। इनमें चित्रकला, लोकसंगीत, गायन, नृत्य, नाट्यकला, साहित्य, शिल्पकला, सीकी कला, भू-अलंकरण, और अन्य पारंपरिक विधाओं से जुड़े कलाकार शामिल होंगे। कार्यक्रम का उद्देश्य मिथिला की प्राचीन कला परंपरा का भव्य प्रदर्शन कराना, साथ ही युवा कलाकारों को मंच प्रदान करना है।
उत्सव के संयोजक एवं संस्कार भारती उत्तर बिहार के सह महामंत्री धर्मेंद्र कुमार पाण्डेय ने कहा कि नर को नारायण बनाने वाली कला के भाव को लेकर संस्था सदैव समाज में सकारात्मक परिवर्तन का प्रयास करती रही है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में परिवारों में बढ़ती दूरी, संवादहीनता और सामाजिक चुनौतियों के बीच कुटुंब प्रबोधन आधारित यह उत्सव संयुक्त परिवार की महत्ता को पुनः रेखांकित करेगा। श्री पाण्डेय ने यह भी बताया कि कार्यक्रम की विस्तृत रूपरेखा शीघ्र ही सार्वजनिक की जाएगी। आयोजन को सफल बनाने के लिए स्थानीय कलाकारों, सांस्कृतिक संगठनों, विद्यालयों और समाज के विभिन्न वर्गों का सहयोग लिया जाएगा।

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