मधुबनी जिले में यहां बनेगा 1.1 किलोमीटर लंबा ओवरब्रिज, 7.5 मीटर होगी चौड़ाई; लोगों में बढ़ रही टेंशन
जयनगर में ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति के बाद व्यापारियों में चिंता है। उन्हें बाजार पर नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है क्योंकि जयनगर बाजार नेपाल पर निर्भर है और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी है। पुल निगम के अनुसार 1100 मीटर लंबा ओवरब्रिज बनेगा। व्यापारी वैकल्पिक बाईपास सड़क की मांग कर रहे हैं ताकि शहर का व्यापार प्रभावित न हो।
संवाद सहयोगी, जयनगर। जयनगर के शहरी क्षेत्र में जाम की समस्या और भारी वाहनों के आवागमन को अलग थलग करने के लिए ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद लोगों की चिंता बढ़ गई है।
रेलवे गुमटी और समय की बचत को लेकर लोगों ने सरकार से शहीद चौक स्थित ओवरब्रिज निर्माण की मांग रखी, लेकिन ओवरब्रिज की लंबाई को देखते हुए शहरी क्षेत्र में व्यवसायी व्यवस्था ठप होने की आशंका व्यक्त की जा रही है।
जयनगर बाजार नेपाल पर आश्रित और सीमा पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच बाजार का व्यापार दिनोंदिन गिरता जा रहा है। वहीं, दूसरी ओर जयनगर में ओवरब्रिज के निर्माण से बाजार प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।
बिहार राज्य पुल निगम विभाग के अनुसार 1100 मीटर लंबे ओवरब्रीज को एनएच 527 बी बस्ती पंचायत के छपकी टोला चौक से शहीद चौक होते हुए अंबे होटल तक एवं दूसरा कट शहीद चौक से मीनी बस स्टैंड तक बनाया जाएगा। उक्त ब्रिज टू लाइन होगा। जिसकी चौड़ाई साढ़े सात मीटर होगी।
विभाग के कार्यपालक अभियंता ने मोबाइल पर बताया कि ओवरब्रिज निर्माण की स्वीकृति मिल गई है। जमीन अधिग्रहण संबंधित के लिए स्थल को चिह्नित किया जा रहा है।
आपको बता दें कि ब्रिज निर्माण को लेकर विभाग के द्वारा शहीद चौक से पश्चिमी क्षेत्र के आवासीय मकान के जमीन को अधिग्रहण हेतु चिह्नित किया जा रहा है, जबकि पूर्व एरिया में सड़क की जमीन काफी अधिक है।
व्यवसायी संगठन कैट के वरीय उपाध्यक्ष रंजीत गुप्ता व मिथिलांचल चैम्बर ऑफ कॉमर्स के महासचिव शम्भु गुप्ता की माने तो शहरी क्षेत्र का क्षेत्रफल कम है और दूसरी ओर ओवरब्रिज के निर्माण से बाजार पर पूरा असर पड़ेगा। ओवरब्रिज निर्माण को लेकर एक बार विभाग और स्थानीय सामाजिक व बुद्धिजीवियों एवं व्यवसायी संगठनों के साथ बैठक होनी चाहिए, ताकि शहर के व्यापार पर कोई असर नहीं पड़े।
इन लोगों ने कहा कि सरकार ने कई शहरों में शहर के बाहर बाईपास निकालती है, ताकि शहर प्रदूषण और जाम से मुक्त रहे, लेकिन यहां ठीक उल्टा नजर आ रहा है। पेट्रोल पंप से फरदाही या पेट्रोल पंप से पिठवा टोला के रास्ते बाईपास सड़क का निर्माण किया जाना चाहिए।
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