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    भारत-नेपाल सीमा पर आसमान में ड्रोन जैसी चीज देखे जाने के बाद बढ़ी हलचल, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

    By Md Ali Edited By: Rajat Mourya
    Updated: Tue, 27 May 2025 06:26 PM (IST)

    सोमवार की देर शाम भारत-नेपाल सीमा के नजदीक आकाश में कई ड्रोन जैसी चीजें दिखने के बाद सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गईं। एसएसबी ने ड्रोन होने की पुष्टि नहीं की है लेकिन उच्च अधिकारियों को रिपोर्ट भेजी है। माना जा रहा है कि ये स्टारलिंक सेटेलाइट हो सकते हैं पर इसकी पुष्टि नहीं हुई है। मधुबनी के डीएम ने कहा है कि जांच चल रही है।

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    भारत नेपाल सीमा पर आसमान में ड्रोन जैसी चीज देखे जाने के बाद बढ़ी हलचल, जांच में जुटी सुरक्षा एजेंसियां

    संवाद सहयोगी, जयनगर (मधुबनी)। नेपाल से लगने वाली भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में सोमवार की देर शाम आसमान में दर्जनों की संख्या में ड्रोन जैसी चीज देखे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसी और अंतरराष्ट्रीय सीमा सुरक्षा पर तैनात एसएसबी पूरी तरह से सतर्क और सक्रिय हो गई है। हालांकि, एसएसबी ड्रोन होने की पुष्टि नहीं कर रही है।

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    एसएसबी ने इस संबंध में तीन रिपोर्ट सोमवार रात में ही अपने उच्चाधिकारियों और एयरफोर्स कमांड दिल्ली और दरभंगा को दी थी। जिसमें कहा गया है कि शाम 7.35 से 8.15 बजे तक आकाश में काफी ऊंचाई पर 15 से 20 की संख्या में पिपरौन, कमला और जानकीनगर बीओपी क्षेत्र में फ्लाइंग ऑब्जेक्ट देखे गए। इसकी जांच की जा रही है कि यह ड्रोन था या कुछ।

    नेपाल से लगने वाली भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों में पश्चिम से पूर्व के बीच एक साथ दर्जनों की संख्या में ड्रोन जैसी चीज उड़ने को लेकर दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों में भी हड़कंप मचा हुआ है। भारत के साथ नेपाल पुलिस और सशस्त्र बल एपीएफ द्वारा इस मामले में गहन जांच की जा रही है।

    वहीं, नेपाल में भारतीय वाणिज्य दूतावास के विशेष सूत्रों का कहना है कि अमेरिका की इंटरनेट सर्विस देने वाली स्पेश एक्स कंपनी स्टार लिंक के सेटेलाइट होने की संभावना है।

    जानकारों का मानना है कि स्टार लिंक स्पेस एक्स के द्वारा इंटरनेट व्यवस्था के लिये इस तरह का यंत्र छोड़ा गया। हालांकि, इसकी भी कोई अब तक आधिकारिक पुष्टि नहीं कर रहा है।

    सवाल यह उठता है कि किसी देश की सीमा में किसी देश की कंपनी द्वारा हवाई क्षेत्र का इस्तेमाल किया जा रहा हो और उस देश से इसकी जानकारी साझा नहीं की जाये यह कैसे संभव है। नेपाल सरकार के गृह मंत्रालय के सुरक्षा महाप्रमुख राम चंद्र तिवारी ने गृह मंत्रालय में इस मामले में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है, जबकि नेपाल प्रहरी धनुषा जिला एसपी नरहरि रेग्मी ने बताया कि हमारे पास कोई आधिकारिक जानकारी नहीं है। इसकी जांच कर रहे हैं।

    वहीं, इस मामले में मधुबनी के डीएम अरविंद कुमार वर्मा ने कहा कि अभी इसकी पुष्टि नहीं हुई है कि यह ड्रोन है। नेपाल के अधिकारियों से भी संपर्क किया गया उन्हें भी इसकी जानकारी नहीं है। जिला प्रशासन एसएसबी के संपर्क में है। एसएसबी ने एयरफोर्स कमांड को भी सूचना दी है। यह ऑब्जेक्ट सेटेलाइट भी हो सकता है। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं है। लोगों को पैनिक होने की आवश्यकता नहीं है। जांच चल रही है।

    दूसरी ओर, एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट विवेक ओझा का कहना है कि इसकी सूचना उच्च अधिकारियों और एयरफोर्स मुख्यालय, दिल्ली और दरभंगा को दी गई है। जांच चल रही है।

    एसएसबी मुजफ्फरपुर सेक्टर मुख्यालय के डीआईजी सरोज ठाकुर ने मोबाइल पर पूछे जाने पर बताया कि ड्रोन होने की हम पुष्टि नहीं करते हैं। मामलें की जांच हेतु जांच एजेंसी को करना है।

    बता दें कि सोमवार की देर शाम सीमावर्ती जयनगर समेत आसपास के क्षेत्रों में पश्चिम से पूर्व की ओर एक साथ दर्जनों से अधिक ड्रोन जैसी चीज आकाश में देखी गई थी। दूसरी ओर, ड्रोन की सूचना पर मधुबनी जिले से लगने वाली भारत नेपाल 107 किलोमीटर अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात एसएसबी ने सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ा दी दी।

    गौरतलब है कि कोरोना महामारी से ठीक पहले इसी तरह के चीज को आसमान पर देखा गया था। जयनगर के रेलवे स्टेशन चौक काली मंदिर के समीप एक चाय दुकानदार सुबह 3 बजे देखने के बाद लोगों को बताया था। उसके कुछ दिन बाद कोरोना महामारी का व्यापक असर देखा गया था।