Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Madhubani Police: बीट पर चौकीदारों का टोटा, थानों में कर रहे मुंशीगिरी

    Updated: Tue, 03 Jun 2025 06:11 PM (IST)

    मधुबनी जिले के कई थानों में चौकीदारों से मुंशी का काम लिया जा रहा है। स्वीकृत पदों के मुकाबले चौकीदारों की संख्या कम होने और नई भर्तियाँ न होने से यह ...और पढ़ें

    Hero Image
    बीट पर चौकीदारों का टोटा, थानों में कर रहे मुंशीगिरी

    ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। थाना क्षेत्र में अपने बीट (महाल या इलाका) पर निगरानी रखने, संदिग्ध गतिविधियों की पुलिस को सूचना देने, कहां कैसे लोग जुट रहे हैं इस पर नजर रखने और घटना के दौरान पुलिस का सहयोग करने जैसे काम के लिए चौकीदार होते हैं। हर थाना क्षेत्र में कई बीट हैं, जिसके हिसाब से चौकीदार और दफादार तैनात किए जाने का प्रावधान है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    मगर इन दिनों बीट पर नजर रखने वाले चौकीदार क्षेत्र में कम थानों पर मुंशीगिरी करते ज्यादा नजर आते हैं। एक तो पहले ही चौकीदारों और दफादारों की संख्या स्वीकृत पद के अनुपात में बहुत कम है। नई बहाली नहीं हो रही है। ऊपर से उन्हें थाने में मुंशी के तौर पर काम में लगाना समझ से परे है। बढ़ते अपराध के पीछे यह भी बड़ी वजह है। क्योंकि सूचना तंत्र पर इसका प्रभाव पड़ता है।

    साथ ही कहीं न कहीं इसके पीछे कुछ ऐसे तत्थ और तर्क भी हैं जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े करते हैं। कई थानों में इसी तरह से निजी चालक और निजी मुंशी भी रखे गए हैं। कुछ चौकीदार व दफादार के मुंशी (साक्षर सिपाही) के अलावा डाक फाइल पहुंचाने के काम में भी लगे हैं।

    वहीं, कुछ ऐसे भी चौकीदार मुंशी का कार्य कर रहे हैं जिन्होंने नौकरी में योगदान करने के बाद कभी चौकीदारी का अपना मूल कर्तव्य नहीं किया। कुछ ऐसे भी मिल जाते हैं जो साहब की खातिरदारी में लगे हुए हैं। जबकि थाने में कार्य संचालन के लिए सरकाए द्वारा मुंशी का पद सृजित है।

    कहां क्या स्थिति है?

    पंडौल थाना में साक्षर सिपाही (मुंशी) के सभी काम चौकीदारों से ही लिए जा रहे हैं। यहां 58 में महज 25 कार्यरत हैं। 20 पंचायतों वाले पंडौल थाना को चार सर्कल में बांटा गया है, जो क्रमशः सर्किल नंबर 7 पंडौल परिसर, सर्किल नंबर 8 शाहपुर परिसर, सर्किल नंबर 9 सरिसब पाही परिसर तथा सर्किल नंबर 10 भगवतीपुर परिसर है। प्रत्येक सर्किल के लिए एक-एक पद दफादार का सृजित है। इस तरह पंडौल थाना अंतर्गत कुल 4 दफादार के पद सृजित हैं, जिसके लिए एक भी दफादार नहीं है। सभी दफादार के सेवानिवृत होने के बाद से पद खाली पड़े हुए हैं।

    फुलपरास अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न थानों में कई वर्षों से चौकीदार मुंशी का कार्य कर रहे हैं। कार्यालय सूत्रों के मुताबिक घोघरडीहा थाने में स्वीकृत 33 की जगह मात्र 16 चौकीदार कार्यरत हैं। फुलपरास थाना में 85 की जगह 45 कार्यरत हैं। लौकही में 40 स्वीकृत की जगह 16 तो खुटौना में 27 में 12 एवं लालमनिया थाना में 24 में 14 तथा लौकहा में 26 चौकीदार कार्यरत हैं। अन्धरामठ में 26 में 24 कार्य कर रहे हैं।

    वहीं, देवधा थाना में चौकीदार 14 और दफादार 1 के पद है, जिसमें दो खाली हैं। लदनियां में 42 में 10 खाली है। जयनगर में 36 में 16 खाली हैं। अरेर थाना में चौकीदार के कुल 39 और दफेदार के 4 में क्रमश: 18 चौकीदार तथा एक मात्र दफेदार है। बेनीपट्टी थाने में चौकीदार के 56 पद तथा दफेदार के छह पद है जिसमें वर्तमान में चौकीदार 17 एवं दफेदार मात्र एक है।

    वहीं, लौकही प्रखंड क्षेत्र में पड़ने वाले थानों जिसमें नरहिया, लौकही तथा अंधरामठ थाना में चौकीदार ही मुंशी का काम देखते हैं। हालांकि नरहिया थाना में मुंशी मौजूद हैं। लेकिन लौकही और अंधरामठ थाना में मुंशी का पद खाली है। मधेपुर थाना में भी मुंशी का काम चौकीदार ही करते हैं। मधवापुर और साहरघाट थाना में मुंशी का पद रिक्त रहने के कारण चौकीदार मुंशी का कार्य करते हैं।

    जयनगर/देवधा /लदनियां थाने में कागजी काम को चौकीदार द्वारा निपटाया जाता है। तीनों थाने में पीटीसी मुंशी को प्रमोशन मिल गया है। बावजूद इन तीनों थाने में मुंशी के काम को चौकीदार द्वारा किया जाता है। जयनगर थाने में चौकीदार भरत पासवान, देवधा थाने में चौकीदार राम सागर पासवान एवं लदनियां थाने में चौकीदार परमेश्वर द्वारा थाने के अधिकांश काम को देखा जा रहा है।

    प्राइवेट मुंशी भी कर रहे काम

    खुटौना प्रखंड अंतर्गत तीन थाने हैं। खुटौना थाना में प्राइवेट मुंशी कई वर्षों से कार्यरत है और वही सारा काम करते हैं जबकि सरकारी मुंशी भी हैं सिर्फ नाम के लिए। लौकहा थाना में चौकीदार ही मुंशी का काम करता है। ललमनियां थाना में प्राइवेट मुंशी ही काम करता है। अचरज की बात है कि जब सभी थानों में सरकारी मुंशी हैं तो फिर प्राइवेट मुंशी व चौकीदारों से क्यों मुंसीगिरी करायी जा रही है। यही हाल अंधराठाढी एवं रूद्रपुर थाना का है। चौकीदार ही मुंशी का काम करते हैं। जिले कई अन्य थानों का भी यही है।

    कभी सिपाही तो कभी मुंशी का करते काम: पंडौल थाना में साक्षर सिपाही (मुंशी) के कार्यरत नहीं रहने के कारण थाना क्षेत्र के दो चौकीदार दिनेश पासवान एवं चंदर यादव से ही साक्षर सिपाही (मुंशी) के काम वर्षों से लिए जा रहे हैं। जब कभी साक्षर सिपाही की थाना में नियुक्ति हो भी जाती है तो चौकीदारों से ही उनके कार्य अनुभवों को देखते हुए काम लिया जाता रहा है। यहां तक की थाना से अनुमंडल, जिला पुलिस मुख्यालय, कोर्ट सहित अन्य कार्यालय से संबंधित डाक चौकीदार के माध्यम से ही प्रतिदिन लाया ले जाया जा रहा है।

    क्या कहते हैं पदाधिकारी?

    चौकीदार एवं दफादार के रिक्त पदों की सूची संबंधित विभाग के वरीय पदाधिकारियों को समय-समय पर दी जा रही है। जब तक संबंधित विभाग के द्वारा उनकी बहाली के लिए कोई पहल नहीं की जाएगी तब पद रिक्त रहेंगे। - राजीव कुमार, सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी मधुबनी