मधुबनी में ‘नो लाइसेंस-नो टेंशन’ का खेल, हर महीने लग रही लाखों की चपत?
मधुबनी नगर निगम क्षेत्र में 200 से अधिक मीट-चिकन की दुकानें बिना ट्रेड लाइसेंस के चल रही हैं, जिससे निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है। कई अन्य दुकानें भी नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है, लेकिन दुकानदार लापरवाही बरत रहे हैं। नगर आयुक्त ने कहा कि ट्रेड लाइसेंस जारी करने और नवीनीकरण की समीक्षा की जाएगी और ट्रेड लाइसेंस न लेने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मधुबनी शहर का नगर निगम कार्यालय। जागरण
जागरण संवाददाता, मधुबनी । नगर निगम क्षेत्र में 200 से अधिक मीट-चिकेन की दुकानें संचालित हैं। लेकिन इन दुकानों के पास ट्रेड लाइसेंस नहीं हैं। शहर में कही भी मीट-चिकेन दुकान के लिए नगर निगम से अनुमति लेना आवश्यक होता है। जबकि, शहर के अधिकांश मीट-चिकेन व मछली दुकान बगैर ट्रेड लाइसेंस के चल रहे हैं।
बगैर ट्रेड लाइसेंस के शहर में दुकानों के संचालन पर रोकथाम में निगम प्रशासन की उदासीनता सामने आती रही है। इसके अलावा शहर में सालाना दर्जनों नए-नए दुकान व प्रतिष्ठान बढने के बाद भी ट्रेड लाइसेंस लेने वालों की संख्या नहीं बढ़ रही है। शहर में संचालित अधिकांश दुकानों की संख्या निगम के पास उपलब्ध नहीं है।
बता दें कि निगम क्षेत्र में मीट-चिकेनके अलावा सैकड़ों दुकानों-प्रतिष्ठानों द्वारा ट्रेड लाइसेंस लेने की अनदेखी सामने आ रही है। जिससे निगम को सालाना लाखों के राजस्व का नुकसान का अनुमान है। निगम के बगैर ट्रेड लाइसेंस के चलने वाले दवा दुकानें, जांचघर, आभूषण, किराना, स्वीट होम, हार्ड वेयर व अन्य दुकान-प्रतिष्ठानों के संचालकों द्वारा नियमों की खुलेआम अनदेखी किया जा रहा है।
बता दें कि किसी भी प्रकार के दुकानों के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य होता है।शहर में विभिन्न प्रकार के दुकान व प्रतिष्ठानों की संख्या दो हजार से अधिक होने का अनुमान है। निगम कार्यालय के अनुसार पिछले तीन साल में शहर में नाममात्र दुकानदारों को ट्रेड लाइसेंस निर्गत किया गया है। लेकिन इसके सालाना नवीनीकरण में गिरावट आई है।
पुराने ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण का भी प्रविधान
ट्रेड लाइसेंस के लिए दुकानदारों को निगम कार्यालय में आवेदन देना होता है। आवेदन के साथ आधार, पैन, जीएसटी, दो पासपोर्ट साइज फोटो सहित दुकान संबंधी आवश्यक अन्य जरूरी कागजात संलग्न किया जाता है। आवेदन की जांच के बाद निगम द्वारा निर्धारित राशि भुगतान करना होता है। निगम को भुगतान राशि की निगम द्वारा रशीद निर्गत की जाती है। पुराने ट्रेड लाइसेंस के नवीनीकरण का भी प्रावधान है।
इस संदर्भ में नगर आयुक्त उमेश कुमार भारती ने बताया कि निगम क्षेत्र में अब तक ट्रेड लाइसेंस निर्गत किए जाने और इसका नवीनीकरण की समीक्षा की जाएगी। निगम क्षेत्र के दुकान-प्रतिष्ठानों के लिए ट्रेड लाइसेंस आवश्यक होगा। इसके लिए दुकानदारों को जागरूक किया जाएगा। ट्रेड लाइसेंस नहीं लेने वालों पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

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