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    Lok Sabha Election 2024: महागठबंधन में अब झंझारपुर सीट पर फंसा पेंच, RJD के लिए लालू को ढूंढना पड़ेगा 'फिट' फॉर्मूला

    महागठबंधन में अब झंझारपुर सीट को लेकर पेंच फंस गया है। राजद के सामने उम्मीदवारों को लेकर झंझट पैदा हो गया है। राजद ने यहां पांच बार यादव उम्मीदवार और एक बार मंडल उम्मीदवार को लड़ाया था जिसमें जीत दोनों बार यादव उम्मीदवार को ही मिली थी। इस बार राजद अब तक इस सीट को लेकर कोई नाम फाइनल नहीं कर पाया है।

    By Braj Mohan Mishra Edited By: Rajat Mourya Updated: Tue, 02 Apr 2024 04:40 PM (IST)
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    महागठबंधन में अब झंझारपुर सीट पर फंसा पेंच, RJD के लिए लालू को ढूंढना पड़ेगा 'फिट' फॉर्मूला

    ब्रज मोहन मिश्र, मधुबनी। बिहार में मधुबनी की झंझारपुर सीट पर राजद अपने गठन के बाद से ही चुनाव लड़ रहा है। राजद अब तक यहां छह बार चुनाव मैदान में उतरा है। इसके से उसके उम्मीदवार दो बार जीते हैं।

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    राजद ने यहां पांच बार यादव उम्मीदवार और एक बार मंडल उम्मीदवार को लड़ाया था, जिसमें जीत दोनों बार यादव उम्मीदवार को ही मिली थी। इस बार राजद अब तक इस सीट को लेकर कोई नाम फाइनल नहीं कर पाया है।

    ऐसे में सियासी गलियारों में अटकलों और चर्चाओं का बाजार गर्म है। इन अटकलों के बारे में सूत्रों का कहना है कि दरभंगा सीट यादव उम्मीदवार को देने के बाद संशय है कि झंझारपुर में यादव उम्मीदवार मिले।

    यादव और मंडल पर फंसा पेंच

    ऐसे में अंदरखाने राजद में यादव और मंडल को लेकर पेंच होने की चर्चा है। सियासी जानकार बताते हैं कि मधुबनी में राजद की राजनीति करने वाले कुछ नेता यादव उम्मीदवार को लेकर विरोध कर रहे हैं तो कुछ मंडल उम्मीदवार को लेकर। ऐसे में पिछड़ा अतिपिछड़ा के दबदबे वाली इस सीट पर फिलहाल एक अनार सौ बीमार वाली हालत है।

    अटकलें तो यहां तक लगाई जा रही हैं कि भाजपा के एक बड़े नेता को भी राजद का एक गुट टिकट दिलाने की फिराक में है। वहीं, राजद के पूर्व प्रत्याशी रहे गुलाब यादव, राजद नेता प्रशांत मंडल के साथ जदयू से जुड़े मंडल नेता भी पटना में लालू के बुलावे पर टिकट की आस लिए पहुंचे हैं।

    पांच पार सांसद रहे देवेंद्र यादव

    बता दें कि झंझारपुर से देवेंद्र यादव पांच बार सांसद रहे हैं। वहीं, कुछ लोग टिकट न मिलने की स्थिति में निर्दलीय उतरने को भी तैयार हैं। दूसरी ओर, एनडीए के लिए भी कुछ बागी नेता मुश्किल खड़ी कर सकते हैं।

    देखना दिलचस्प होगा कि राजद एमवाई समीकरण के अलावा पिछड़ा-अतिपिछड़ा की दूसरी उपजातियों के साथ सवर्णों के वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए किस उम्मीदवार को उतारता है। कारण कि तेजस्वी यादव अपनी पार्टी को ए टू जेड की पार्टी बताते हैं।

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