Madhubani News : प्रभु श्रीराम व माता जानकी के विवाहोत्सव को लेकर सजने लगा जनक दरबार
जनकपुरधाम में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी भगवान राम और माता जानकी का विवाहोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। 20 नवंबर से महोत्सव की शुरुआत होगी, जिसमें नगर दर्शन, फूलवारी लीला, धनुष यज्ञ, तिलकोत्सव, मटकोर, स्वयंवर और शुभ विवाह जैसे कार्यक्रम होंगे। 26 नवंबर को रामकलेवा के साथ महोत्सव का समापन होगा।

नेपाल के जनकपुरधाम स्थित माता जानकी का मंदिर। जागरण
मनोज झा, जनकपुरधाम (मधुबनी)। नेपाल के विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी जनकपुरधाम में प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रभु श्रीराम व जनक नंदनी माता जानकी का विवाहोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। पौराणिक मिथिला क्षेत्र में इस महोत्सव को लोग विवाह पंचमी महामहोत्सव के रूप में मनाते आ रहे हैं।
महोत्सव को लेकर विदेह राज के भवन को सजाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। महोत्सव की शुरुआत आगामी 20 नवंबर से होगी। इस दिन माता जानकी की स्वयम्बर में शामिल होने आए अवध कुमार अपने गुरु विश्वामित्र व अनुज लक्ष्मण के साथ नगर दर्शन करेंगे। इस अवसर में शामिल होने के लिए दूर दराज से श्रद्धालु जनकपुरधाम पहुंचते हैं।
श्रद्धालुओं के लिए माता जानकी के मंदिर परिसर में प्रतिदिन संध्याकाल स्थानीय कलाकारों के द्वारा रामायण व झांकी प्रस्तुत किया जायेगा। जो सात 26 नवंबर तक प्रतिदिन जारी रहेगा। विवाह महोत्सव के संबंध में जानकारी देते हुए जानकी मंदिर के महंत राम तपेश्वर दास वैष्णव ने बताया 20 नवंबर को भगवान श्रीराम को नगर दर्शन कराकर विवाहोत्सव का विधान शुरू होगा। 25 को विवाह उत्सव व 26 नवंबर को रामकलेवा से महोत्सव का समापन होगा। इस बीच तिलकोत्सव के दिन अयोध्या से कुछ संत महात्मा बराती के रूप में विवाहतोसव में शामिल होंगे।
20 नवंबर (गुरुवार) को नगर दर्शन
नगर दर्शन का तात्पर्य यह है कि मिथिला के तत्कालीन राजा जनक के न्योता पर धनुष यज्ञ में शामिल होने के लिए प्रभु श्रीराम अपने गुरु विश्वामित्र व अनुज लक्ष्मण के साथ जब पहली बार जनकपुर आए थे तो उन्हें सबसे पहले नगर का दर्शन कराया गया था।
21 नवंबर (शुक्रवार) को फूलवारी लीला
जनकपुर आने के बाद श्रीराम अपने गुरु की पूजा के लिए फूल तोड़ने पुष्प वाटिका में गए। जहां मां गिरिजा की पूजा के लिए फूल तोड़ने पुष्पवाटिका में पहुंची जनक नंदनी माता जानकी से उनकी पहली मुलाकात हुई।
22 नवंबर (शनिवार) को धनुष यज्ञ
मिथिला के राजा जनक ने भगवान परशुराम के द्वारा दी गई धनुष को भंग करने वाले के साथ पुत्री जानकी की विवाह का संकल्प लिया था। जिसे धनुष यज्ञ के माध्यम से अपराह्न पांच बजे प्रभु श्रीराम के द्वारा भंग किया जाएगा।
23 नवंबर (रविवार) को तिलकोत्सव
मिथिला परंपरा के अनुसार 23 नवंबर को माता जानकी के मंदिर से विधिविधान पूर्वक छप्पन प्रकार के मिठाई व फल के साथ भगवान श्रीराम को तिलक चढ़ाने के लिए दिन के एक बजे श्रीराम मंदिर के लिए प्रस्थान किया जाएगा।
24 नवंबर (सोमवार) को मटकोर
24 नवंबर के दिन मटकोर रस्म के लिए दोपहर दो बजे माता जानकी अपने मंदिर प्रांगण से गंगासागर पोखर के लिए प्रस्थान करेंगी। जहां माता के मटकोर की रस्म अदा की जाएगी।
25 नवंबर (मंगलवार) को स्वयम्बर तथा शुभ विवाह
25 नवंबर को दोपहर एक बजे जानकी मंदिर से माता की डोला और श्रीराम मंदिर से प्रभु श्रीराम का डोला बारहबीघा मैदान में पहुंचेगी। जहां दोनों डोला को घुमाकर स्वयम्बर की रस्म पूरी होगी। वहीं शाम छह बजे जानकी मंदिर परिसर में शुभ विवाह की रस्म संपन्न की जाएगी।
26 नवंबर (बुधवार) को राम कलेवा
26 नवंबर को मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्रीराम व जनक नंदनी माता जानकी के शुभ विवाह में शामिल होने वाले बारातियों को दोपहर एक बजे मर्याद भोजन कराकर विदा किया जाएगा।

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